वृन्दावन।नगर के युवा साहित्यकार राधाकांत शर्मा को भागलपुर (बिहार) स्थित विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ ने उन्हें उनकी सुदीर्घ हिन्दी सेवा, सारस्वत साधना एवं शोध कार्य व अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर “विद्यावाचस्पति” की मानद उपाधि से अलंकृत किया है। जो कि पी-एच.डी. के समतुल्य है।
राधाकांत शर्मा को “विद्यावाचस्पति” की यह उपाधि विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में विद्यापीठ के कुलाधिपति डॉ. सुमन भाई “मानस भूषण”, कुलपति डॉ. तेजनारायण कुशवाहा एवं कुलसचिव डॉ. देवेन्द्र नाथ साहा ने प्रदान की है।
ज्ञात हो कि राधाकान्त शर्मा ब्रजभाषा के लब्धप्रतिष्ठ कवि व वार्ताकार हैं। साथ ही आकाशवाणी के मथुरा-वृन्दावन केन्द्र से भी सम्बद्ध हैं।ब्रजभाषा में उनकी वार्ताएं आकाशवाणी के मथुरा-वृन्दावन केंद्र से प्रायः प्रसारित होती रहती हैं। साथ ही उनकी रचनाएं देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती हैं। उन्हें कई सम्मान व पुरुस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं।
राधाकांत शर्मा को “विद्यावाचस्पति” की मानद उपाधि मिलने पर ब्रज साहित्य सेवा मण्डल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, श्रीश्री साहित्य सभा की संरक्षक भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी,मथुरा आकाशवाणी के पूर्व उदघोषक पंडित राधाबिहारी गोस्वामी,संगीताचार्य स्वामी देवकी नंदन शर्मा एवं श्रीकृष्ण कीर्ति फाउंडेशन के सचिव सतेन्द्र जोशी आदि ने हर्ष व्यक्त किया है।
राधाकांत शर्मा “विद्यावाचस्पति” से अलंकृत

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