डॉ.अनुज कुमार सिंह सिकरवार बरसात होते ही बाजार में सब्जी में प्रयुक्त हरे रंग का कंटीला छोटा अण्डाकार ‘ककोरा’ बिकने लगता है, जो दूर से ‘करेला’ जैसा...
अत्यन्त स्वास्थ्यवर्द्धक है ‘ककोरा’

डॉ.अनुज कुमार सिंह सिकरवार बरसात होते ही बाजार में सब्जी में प्रयुक्त हरे रंग का कंटीला छोटा अण्डाकार ‘ककोरा’ बिकने लगता है, जो दूर से ‘करेला’ जैसा...
डाॅ.अनुज कुमार सिंह सिकरवार वनों में प्राकृतिक रूप से उगने, पनपने और फूलने-फलने वाला ‘महुआ’ अपने विविध पोषक एवं औषधीय गुणों के कारण गरीब और...
डाॅ.अनुज कुमार सिंह सिकरवार अप्रैल आते ही वनों, बाग-बगीचों,पार्क और सार्वजनिक मार्गों पर लगे सेमल के वृक्ष बड़े-बड़े लाल-लाल फूलों से लद जाते हैं...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह भिण्डी के पौधों के आकार-प्रकार का पौधा है। इसके पत्ते फल एवं बीज भिण्डी से मेल खाता है। यह 1 फीट से 10 फीट तक बढ़ जाता है। कहीं...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार इसे अडुसा के नाम से भी जाना जाता है। अत्यन्त प्राचीन काल से इस औषधि का प्रयोग भारतीय लोग करते आ रहे है। अधिकांश लोग इसे पहचानते...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार इसकी पहचान भारतवासियों को बहुत पूर्व से ही है। इसका पौधा हुबहु तुलसी के पौधों के समान होता है,किन्तु पत्ते थोड़े चौड़े एवं नुकीले...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार बच के छुप बहुत छोटे-छोटे होते हैं। यह पौधा नमी वाले भूमि में सालों ताजा रहती हैं। यह असम की ओर अधिक होती है, किन्तु समस्त भारत में...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह हल्दी से मिलता-जुलता पौधा होता है। इसके पत्ते लम्बे, कुछ चौड़े तथा भालाकार होते हैं। इसका जड़ हल्दी या अदरख के समान होता है तथा...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह लता जाति का पौधा है तथा समस्त भारत वर्ष में उपलब्ध है। इसके पत्ते पान के पत्तांे के समान होते हैं। इसके तन्तु बहुत मजबूत होते...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह कुर्म पुराण द्वारा वर्णित आयुर्वेद की प्रसिद्ध औषधि है। इसके पत्ते बड़ी कनेर के पत्तों से मिलते जुलते होते हैं। अन्तर/ फर्क यह...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार इसको मण्डूक पर्णी भी कहते हैं। ब्राह्मी के नाम से एक और पौधा है, जिसे ‘जल नीम कहते हैं। दोनों की आकृति आपस में मिलती नहीं है। दोनों...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह वनस्पति पूरे भारत में उगता है। इसकी खेती भी की जाती है। इसके पौधे बहुवर्षीय तथा हरे-भरे रहने वाले होते हैं। एक बार लगा देने पर...
डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार इसकी क्षुप गीली तथा तर जमीन में पैदा होती है। सम्पूर्ण भारत में जल के आस-पास यह पायी जाती है। बंगाल के लोग इसका साग खाते हैं। संथाल...
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