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गौमाता में हैं तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का वास : मां ध्यानमूर्ति

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।गौशाला नगर स्थित मां ध्यानमूर्ति सत्संग सेवा संस्थान में गुरु पूर्णिमा के पावन उपलक्ष्य में चल रही सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत गौ संवर्धन केंद्र व चिकित्सालय का प्रथम स्थापना समारोह आयोजित किया गया।जिसके अंतर्गत देश के विभिन्न प्रांतों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने गौमाता का पूजन-अर्चन कर गौ संरक्षण और संवर्धन का पुनीत संकल्प लिया।
इस अवसर पर गौ की महिमा बताते हुए महामंडलेश्वर मां ध्यानमूर्ति गिरि महाराज ने कहा कि गौमाता में तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का वास माना जाता है। गौमाता की पूजा करने से हमें तैंतीस कोटि देवी-देवताओं की एक साथ पूजा का पुण्यफल मिलता है।
उन्होंने कहा कि गौमाता का हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता में आदिकाल से विशेष महत्व रहा है। गौमाता की आराधना हमारी भक्ति परपंरा का अभिन्न अंग है।
संस्थान के सचिव डॉ. हरिओम शास्त्री ने बताया कि हमारे गौ संवर्धन केंद्र और चिकित्सालय में बीमार व सड़क दुर्घटना में घायल गौवंश का इलाज किया जाता है। यमुना एक्सप्रेस वे, नेशनल हाइवे सहित आदि प्रमुख सड़क मार्गों पर भारी वाहनों की चपेट में आकर बुरी तरह से घायल हो चुकी गायों की यहां हर प्रकार की निस्वार्थ सेवा की जाती है।
दीनू पंडित ने कहा कि नगर के विभिन्न इलाकों में आएदिन बड़े बड़े नालों में गिरकर चुटैल व बीमार गायों का इलाज पिछले एक वर्ष से हो रहा है। अब तक 500 से अधिक गौवंश की सफल चिकित्सा हमारे केंद्र द्वारा की जा चुकी है।
इससे पूर्व वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य विधि-विधान से गौमाता का पूजन-अर्चन भी किया गया।साथ ही समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं ने गौवंश को फल, सब्जी, हरा चारा, गुड़ इत्यादि खाद्य पदार्थ भी खिलाए।
इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, सुर्ज्ञान मोदी, राजकुमार अग्रवाल, कृष्ण कुमार बंसल, राजेंद्र मोदी, चेतराम, महेन्द्र अग्रवाल, सागर शर्मा, देवनारायण शुक्ला, राजकुमार गौतम, डॉ. राधाकांत शर्मा, राधिका रमन शरण मोदी आदि उपस्थित रहे।

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