(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
मांट(मथुरा)। डांगोली क्षेत्र स्थित देवरहा बाबा समाधि स्थल पर इण्टरनेशनल देवरहा दिव्य फाउंडेशन के द्वारा चल रहे ब्रह्मर्षि योग सम्राट देवरहा बाबा के त्रिदिवसीय 35वें योगिनी एकादशी वार्षिक पुण्यतिथि महोत्सव के तीसरे दिन ब्रह्मर्षि देवदास महाराज (बड़े सरकार) ने देश विदेश से आए समस्त भक्तों-श्रृद्धालुओं को अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि योग सम्राट ब्रह्मर्षि देवरहा बाबा महाराज ने असंख्य व्यक्तियों को मानवता, कर्म और धर्म से जोड़ा।साथ ही सभी को सत्य के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया।उनमें योग, भक्ति, वेदान्त और ज्ञान आदि का अद्भुत समावेश था। उनके दर्शन के लिए बड़े-बड़े राजनेताओं व उच्चाधिकारियों का जमावड़ा लगा रहता था।उनमें भूत, भविष्य और वर्तमान का आंकलन करने की अनोखी क्षमता थी।
ब्रह्मर्षि देवदास महाराज (बड़े सरकार) ने कहा कि पूज्य देवरहा बाबा महाराज की वाणी अत्यन्त सिद्ध थी।वो जैसा कह देते थे, ठीक वैसा ही होता था।ठाकुर श्रीराधा कृष्ण, ब्रज वृन्दावन एवं यमुना महारानी के प्रति उनकी अपार निष्ठा थी।उनमें देवत्व व मनुष्यत्व का विलक्षण समन्वय था।वस्तुत: वो लोक मंगल के अवतार और असीम दया के संबल थे।उनके उपदेश आज भी असंख्य व्यक्तियों के लिए प्रेरणा व ऊर्जा के श्रोत बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन देवरहा बाबा सरकार ने अत्यंत वीतरागी,निस्पृह व असम्पृक्त जीवन जीया।उन्हें शाश्वत योगी कहा जाता है।उनके दर्शन, स्पर्श व शुभाशीष से तत्व ज्ञान की प्राप्ति होती थी।उन्हें “खेचरी मुद्रा” में रहने का महारथ हासिल था।इसीलिए उन्हें “अजर योगी” भी कहा जाता है।वे गौसेवा व जन सेवा को सर्वोपरि मानते थे।उन्होंने आजीवन गौ हत्या का विरोध किया।साथ ही गौ हत्या रोके जाने की अलख जगाई।उन्होंने अपना शरीर योगिक क्रिया के द्वारा ही त्यागा था।वे अपनी दीर्घ आयु, तपस्या और चमत्कारों के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं।
महोत्सव में महामंडलेश्वर परमेश्वर दास त्यागी महाराज, ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, महंत संतदास महाराज, साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया, प्रख्यात भजन गायक नंदू भैया, महंत रामकेवल दास महाराज, महन्त शिवदत्त प्रपन्नाचार्य महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा एवं जयदेव दास आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। महोत्सव के अंतर्गत संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा हुआ।
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