कार्यक्रम

सेवा का पर्याय है वृन्दावन का श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी आश्रम

वृन्दावन।वंशीवट क्षेत्र स्थित श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी में श्रीरामानंदीय वैष्णव सेवा ट्रस्ट के द्वारा अनन्तश्री विभूषित जगद्गुरु स्वामी श्रीरामानंदाचार्य महाराज का दस दिवसीय जयंती महामहोत्सव श्रीमज्जगद्गुरु द्वाराचार्य
श्रीनाभापीठाधीश्वर स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।जिसमें प्रवचन करते हुए संत प्रवर गोविंदानंद तीर्थ महाराज एवं उमाशक्ति पीठाधीश्वर स्वामी रामदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी आश्रम स्वामी श्रीरामानंदाचार्य महाराज के द्वारा स्थापित श्रीरामानंद सम्प्रदाय का प्रमुख केंद्र है।यह स्थान पिछले लगभग 50 वर्ष से भी अधिक समय से संत सेवा, गौ सेवा एवं निर्धन-निराश्रितों की सेवा में पूर्ण निष्ठा के साथ समर्पित है।
महामंडलेश्वर स्वामी चित्प्रकाशानंद महाराज एवं महामंडलेश्वर रामस्वरूप दास ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी आश्रम की स्थापना कई वर्षों पूर्व संत शिरोमणि त्यागमूर्ति साकेतवासी सुदामादास महाराज ने की थी।महाराजश्री के भजन और घोर भगवद साधना के फलस्वरूप उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों का निर्वाह यहां आज भी भली-भांति हो रहा है।
कार्ष्णि संत जगदानंद महाराज व महामंडलेश्वर स्वामी नवलगिरी महाराज ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन में धार्मिक यात्रा पर आने वाले वे भक्ति श्रृद्धालु जिनका यहां कोई ठौर-ठिकाना नही रहता उन्हें श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी में न केवल भोजन प्रसादी अपितु आश्रय भी प्रदान किया जाता है।यदि इस स्थान को सेवा का पर्याय कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
इस अवसर पर महोत्सव के समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, राजनारायण द्विवेदी (राजू द्विवेदी), श्रीमहंत अमरदास महाराज, श्रीमहंत राघव लदास महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,भरत शर्मा, मोहन शर्मा, नंदकिशोर अग्रवाल, अवनीश शास्त्री, सौमित्र दास, डॉ. अनूप शर्मा, भक्तिमती वृंदावनी शर्मा, पंडित रसिक शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन संत रामसंजीवन दास शास्त्री ने किया।
दोपहर को मथुरा के प्रख्यात श्रीसिद्ध विनायक रामलीला संस्थान के द्वारा स्वामी आनंद चतुर्वेदी के निर्देशन में महामुनि विश्वामित्र आगमन, तड़का वध व अहिल्या उद्धार की लीला का एवं रात्रि को प्रख्यात रासाचार्य स्वामी श्रीचंद्र शर्मा की रासमंडली के द्वारा रासलीला का अत्यंत मनोहारी मंचन हुआ।
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी
9412178154

About the author

Rekha Singh

Add Comment

Click here to post a comment

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0131235
This Month : 211
This Year : 68528

Follow Me