Author - Rekha Singh

देश-दुनिया

क्यों विचलित है चीन भारत के आर्थिक निर्णय से ?

गत दिनों केन्द्र सरकार ने अपने देश के पड़ोसी/सीमावर्ती देशों से आने वाले ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश‘(एफडीआइ) के लिए सरकार की स्वीकृति अनिवार्य करने का, जो आदेश...

कहानी

हिन्दुस्तान छोड़ दो

इस्मत चुग़ताई ’साहब मर गया’ जयंतराम ने बाजार से लाए हुए सौदे के साथ यह खबर लाकर दी। ‘साहब- कौन साहब?’ ‘वह कांटरिया साहब था न?’...

कहानी

भाभी

 इस्मत चुग़ताई भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी। भैया की सूरत से ऐसी लरजती थी जैसे कसाई से बकरी। मगर सालभर के...

कहानी

लिहाफ़

 इस्मत चुग़ताई जब मैं जाड़ों में लिहाफ़ ओढ़ती हूँ, तो पास की दीवारों पर उसकी परछाईं हाथी की तरह झूमती हुई मालूम होती है और एक दम से मेरा दिमाग़ बीती हुई दुनिया के...

कहानी

चौथी का जोड़ा

 इस्मत चुग़ताई सहदरी के चौके पर आज फिर साफ – सुथरी जाजम बिछी थी। टूटी – फूटी खपरैल की झिर्रियों में से धूप के आडे – तिरछे कतले पूरे दालान में...

कहानी

ज्योतिषी का एक दिन

 आर. के. नारायण ठीक दोपहर के समय वह अपना थैला खोलता और ज्योतिष की दुकान लगाता : दर्जन भर कौड़ियाँ, कपड़े का चौकोर टुकड़ा जिस पर कई रहस्यमय रेखाएं खिंची थीं, एक...

कहानी

डॉक्टर के शब्द

आर. के. नारायण डॉ. रमन के पास मरीज बीमारी के आखिरी दिनों में ही आते थे। वे अक्सर चिल्लाते, ‘तुम एक दिन पहले क्यों नहीं आ सकते थे?’ इसका कारण भी साफ थाः डॉक्टर...

राजनीति

क्या संतों की पाशविक हत्या के कोई माने नहीं ?

डॉ.बचन सिंह सिकरवार महाराष्ट्र के पालघर जिले के गाँव गढ़चिंचले में जूना अखाड़े के दो निहत्थे साधुओं की उनके कार चालक समेत भीड़ द्वारा पत्थरों और लाठी-डण्डों से...

राजनीति

क्या है तब्लीगी जमात का असल मकसद ?

डॉ.बचनसिंह सिकरवार पिछले कई माह से जहाँ अपना देश ‘कोरोना विषाणु’ से फैली वैश्विक महामारी से लोगों को बचाने को लेकर रात-दिन जंग सरीखी लड़ रहा है, उसमें हर तबके...

कहानी

कुसुम

 मुंशी प्रेम चंद साल-भर की बात है, एक दिन शाम को हवा खाने जा रहा था कि महाशय नवीन से मुलाक़ात हो गयी। मेरे पुराने दोस्त हैं, बड़े बेतकल्लुफ़ और मनचले। आगरे में...

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