
यह शुष्क जलवायु का पौधा है यह जंगलों तथा चट्टानों सामूहिक रूप से वृद्धि करता है। इसका वानस्पतिक नाम‘ बार्लेरिया प्रायोनाइटिस’ है। इसे आवासों/घरों और उद्यानों में भी सजावटी/शोभाकारी पौधे के रूप में लगाया जाता है।
यह 1-1.5 मीटर ऊँचा होता है पत्तियों के आधार पर 3-5 तीक्ष्ण, हल्के पीले काँटे होते हैं। पुष्प कीपाकार, हल्के नारंगी-पीले होते हैं।
औषधीय गुण- सम्पूर्ण पौधा ही औषधीय गुणों से युक्त होता है। यह एण्टीएलर्जिक ,जीवाणुरोध( एण्टीबायोटिक) और विषाणुरोधक (एण्टीवायरल) है, इसमें एल्केलॉइड, ग्लूकोसाइड और सिटो-स्टीरॉल्स पाये जाते हैं। पौधे में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होता है। इसकी पत्तियों और मूल का रस खाँसी, बुखार और अस्थमा में उपयोगी है। पत्तियों का रस त्वचा में संक्रमण होने पर प्रयोग में लिया जाता है। बाल झड़ने और सफेद होने की स्थिति में पत्तियों को पीसकर लगाया जाता है। पत्तियों और जड़ों का चूर्ण(पाउडर) दाँतों और मसूढ़ों के लिये उत्तम औषधि है।
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