वानस्पतिक औषधियाँ

पीली कंटेली (आर्जीमोन मैक्सिकाना )

पीली कंटेली छाया – राष्ट्रवन्दना 

डॉ अनुज कुमार सिंह सिकरवार

यह पेपरवरेसी कुल का काँटेदार एक वर्षीय शाक है,। इसका वानस्पतिक नाम‘ आर्जीमोन मैक्सिकाना है, जो शुष्क परिस्थितियों में खरपतवार के रूप में कहीं भी उग आता है। इसका पौधा 1 मीटर तक लम्बा होता है। इसके पर्ण काँटेदार होते है। पौधे में पीले रंग का दूधिया पदार्थ दूध(लैटेक्स) पाया जाता है। इसके बीज सरसों के बीजों की तरह दिखायी देते हैं।
औषधीय उपयोग- इसके औषधीय गुण इसमें उपस्थित एल्केलॉइड बर्वेरिन व प्रोटोपिन के कारण होते हैं इसका दूध एण्टीबैक्टीरियल होता है और घाव जल्दी भरने में सहायक होता है। यह त्वचा रोगों में भी प्रयुक्त होता है। कुछ जनजातियाँ और ग्रामीणों द्वारा इसके दूध को परम्परागत रूप से मोतियाबिन्द के उपचार में काम में लिया जाता है तथा बिच्छू के डंक मारने पर इसकी जड़ को घिस कर लगाया जाता है।
इसकी जड़ का चूर्ण (पाउडर) एक उत्तम विरेचक है। पीली कंटेली के बीज विषैले होते हैं। इन्हें मच्छर प्रतिकर्षी और कृषि में कृमिनाशी के रूप में प्रयोग किया जाता है।
बीजों में उपस्थित तेल को ‘आर्जीमोन तेल‘ कहते हैं। इसकी मिलावट सरसों के तेल में भी की जाती है यह तेल गम्भीर स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं और ड्रॉप्सी रोग का कारण बनता है।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0125784
This Month : 9414
This Year : 63077

Follow Me