डाॅ.अनुज कुमार सिंह सिकरवार
वनों में प्राकृतिक रूप से उगने, पनपने और फूलने-फलने वाला ‘महुआ’ अपने विविध पोषक एवं औषधीय गुणों के कारण गरीब और आदिवासियों के लिए ‘कल्प वृक्ष’ से कम नहीं है, जो स्वास्थ्यवर्द्धक होने के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि भी प्रदान करता है। इसके सेवन से शक्ति के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से मनुष्य कई रोगों के संक्रमित होने से बच जाते हैं। मनुष्य की जितनी बेहतर प्रतिरोधक क्षमता होती है ,उतना ही वह कोरोना समेत दूसरे रोगों से बचा रहेगा। ऐसे में यह कहना गलत न होगा कि महुआ का वृक्ष गुणों की खजाना है। महुआ का सेवन स्वस्थ बनाता है। ये बहुत से रोगों से रक्षा करता है।
महुआ की विशेषता है कि इसके फल और सब्जी दोनों रूपों में सेवन किया जाता है। महुआ के हर हिस्से में पोषक तत्त्व मौजूद हैं। गर्म क्षेत्रों में इसकी बागवानी इसके स्निग्ध तैलीय बीज, फूल, फल और लकड़ी के लिए की जाती है। कच्चे फलों की सब्जी भी बनती है। पके फलों के अन्दर का हिस्सा खाने में मीठा होता है। इसके तेल का प्रयोग जो सामान्य तापमान पर जम जाता है। त्वचा की देखभाल, साबुन, डिटर्जेण्ट के लिए और वनस्पति के रूप किया जाता है। तेल निकलने के बाद बचे खल का प्रयोग पशुओं के खाने और उर्वरक के रूप में किया जाता है। छाल और फल के साथ बीज का औषधीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किया जाता है।
1. कार्बोहाइडेªट,फैट और प्रोटीन के साथ ही कैल्शियम, फाॅस्फोरस, आयरन, कैरोटिन ओर विटामिन सी भरपूर मात्रा में।
2. 2.खून की कमी होने पर महुआ के फूल को पानी में भिगो कर उस पानी को पीने से शरीर में खून बढ़ता है।
3. जाड़े के दिनों में महुआ के दो-तीन फूल गर्म दूध में डाल कर सेवन करने से शरीर में ताकत व स्फूर्ति का संचार होता है।
4. छोटे बच्चे का निमोनिया होता है। सूती कपड़े में महुआ की पोटली बनाकर आग से छाती में सेंक लगाने पर आराम मिलता है। चोट लगने पर भी दर्द वाले स्थान पर इसकी सेंक दर्द में राहत देती है।
महुआ का पौधा रोपन के लिए जुलाई का पहला हफ्ता अच्छा समय होता है। पौधा रोपने के लिए भी 45 गुणा 45 सेण्टीमीटर का गड्ढा जरूरी है। इसे रोपते समय खाद और पानी की पर्याप्त मात्रा रखनी चाहिए। इसके बाद उसे समय≤ पर पानी देते रहें।
महुआ के पौधे छोटे पार्क में लगाये जा सकते हैं। महुआ के पौधे रोपने के लिए पार्क या फिर खुले स्थान का चयन किया जा सकता है। इसके पेड़ की ऊँचाई 20फीट तक होती है।
गरीबों का कल्प वृक्ष है ‘महुआ’

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