डॉ.अनुज कुमार सिंह सिकरवार

बींस की आलू-बींस की मिश्रित सूखी सब्जी अत्यन्त स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। जहाँ आलू में कार्बोहाइडेस्ट्स प्रचुर मात्रा में होता है,जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है,वहीं बींस अनेक पोषक तत्त्वों से भरपूर होते हैं। इनमें विटामिन्स तथा फोलिक अम्ल बड़ी मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से मस्तिष्क तेज होता है और कई शारीरिक समस्याओं का निवारण हो जाता है। बींस में पाये जाने वाले तत्त्वों का विश्लेषण इस प्रकार है। एक कप बींस में करीब 74 प्रतिशत तांबा, 51 प्रतिशत जिंक, 4 मिग्रा लौहा( आयरन), 15प्रतिशत मैंग्निशियम , 230 प्रतिशत मिग्रा फॉस्फोरस, 16 ग्राम प्रोटीन और 78 मिग्रा कैल्शियम होता है। बींस में उपस्थित विटामिन बी ,लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है। इसका कार्य शरीर को ऊर्जा प्रदान करना और मस्तिष्क के संकेतों को समझना है यानी तांत्रिका तंत्र के लिए बींस औषधि की तरह है। मानव शरीर विटामिन बी का भण्डारण नहीं कर सकता , क्योंकि यह पानी में घुलनशील है। इसलिए बींस को अपनी खुराक का हिस्सा बनाकर विटामिन-बी की आवश्यकता को पूर्ण कर सकते हैं।
यदि आपकी पास्ता खाना पसन्द है तो आप सोया बींस पास्ता का सेवन करते हैं। सोया बींस से निर्मित पास्ता साधारण आटे से बने पास्ता से कहीं अधिक लाभदायक होता है, क्योंकि इसमें तन्तु(फाइबर) तथा प्रोटीन भी होते हैं। यदि आप इसे रोजाना थोड़ी मात्रा में भी खाते हैं, तो भी इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर को प्रचुर मात्रा में पोषक तत्त्व मिलते हैं, जो कई तरह की हरी सब्जियों में पाये जाते हैं।
ये मेटाबॉलिज्म को सही रखते हैं। बींस में उपस्थित जिंक थकान ,अनिंद्रा, मूड स्विंग्स ,एकाग्रता में कमी और कमजोर मेटाबॉलिज्म को ठीक करती है। इसमें उपस्थित एण्टीऑक्सीडेण्ट्स मानव शरीर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली क्षति से भी बचाते हैं। इसमें विटामिन बी-6, पैथोथेनिक एसिड, नियासिन और थाइमिन जैसे तत्त्व भी पाये जाते हैं। बींस में विटामिन-ई बादाम के जितनी मात्रा में पाया जाता है। ये सभी तत्त्व दिमाग और तांत्रिका तंत्र सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं।
बींस पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर होती है। पौष्टिक तत्त्वों से बींस खाने से बहुत से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए कितना लाभप्रद है। बींस के एक कप बींस में लगभग 74 प्रतिशत तांबा, 51 प्रतिशत जिंक, 4 मिग्रा आयरन, 15प्रतिशत मैंग्निशियम , 230 प्रतिशत मिग्रा फॉस्फोरस, 16 ग्राम प्रोटीन और 78 मिग्रा कैल्शियम पाया जाता है। बींस में मौजूद विटामिन बी ,लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है। इसका कार्य शरीर को ऊर्जा प्रदान करती और मस्तिष्क के संकेतों को समझना है यानी तांत्रिका तंत्र के लिए बींस औषधि की तरह है। हमारा शरीर विटामिन बी का भण्डारण नहीं कर सकता , क्योंकि यह पानी में घुलनशील है। इसलिए बींस को अपनी खुराक का हिस्सा बनाकर हम विटामिन-बी की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। यदि आपकी पास्ता खाना पसन्द है तो आप सोया बींस पास्ता खा सकते हैं। सोया बींस से बना पास्ता साधारण आटे से बने पास्ता से कहीं अधिक लाभदायक होता है, क्योंकि इसमें तन्तु(फाइबर) तथा प्रोटीन भी होते हैं। यदि आप इसे रोजाना थोड़ी मात्रा में भी खाते हैं, तो भी इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर को प्रचुर मात्रा में पोषक तत्त्व मिलते हैं, जो कई तरह की हरी सब्जियों में पाये जाते हैं।
मेटाबॉलिज्म रखे दुरुस्त- बींस में उपस्थित जिंक थकान ,अनिंद्रा, मूड स्विंग्स ,एकाग्रता में कमी और कमजोर मेटाबॉलिज्म को ठीक करती है। इसमें मौजूद एण्टीऑक्सीडेण्ट्स हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान से भी बचाते हैं।इसमें विटामिन बी-6, पैथोथेनिक एसिड, नियासिन और थाइमिन जैसे तत्त्व भी पाये जाते हैं। बींस में विटामिन-ई बादाम के जितनी मात्रा में पाया जाता है। ये सभी तत्त्व दिमाग और तांत्रिका तंत्र सम्बन्धी समस्याओं से निजात दिलाते हैं।
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