अपराध

जानलेवा बनता ‘लव जेहाद’

साभार सोशल मीडिया

डॉ.बचन सिंह सिकरवार

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गत दिनों हरियाणा के बल्लभगढ़ में बी.कॉम. अन्तिम वर्ष की छात्रा निकिता तोमर के इस्लाम कबूल कर उससे निकाह करने से इन्कार किये जाने पर तौसीफ द्वारा सरे आम उसके सिर में गोली मार कर हत्या किये जाने की घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपने मुल्क में फर्जी मुहब्बत के बहाने मतान्तरण करने वालों और उनके हिमायतियों के हौसले कितने बुलन्द हैं। इसका एक नमूना हत्यारे तौसीफ की माँ के इस बयान से जाहिर है कि अगर वह इस्लाम कबूल कर उससे निकाह लेती, तो न उसकी जान जाती और न मेरा बेटा जेल जाता। इससे भी ज्यादा अफसोस की बात यह है कि पंथनिरपेक्षता और सहिष्णुता का राग अलापने वाले तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ढिंढोरा पीटने वालों गत 31अक्टूबर,शनिवार को लव जिहाद के खिलाफ कारगर कानून बनाने की माँग को लेकर बल्लभगढ़ में दशहरा में आयोजित सर्वसमाज की पंचायत में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित युवाओं ने हवाई किनारे एक ढाबे तथा वाहनों में तोड़फोड़ की। पुलिस पर पथराव किया जिसमें 10पुलिस कर्मी मामूली चोटें आयीं। आखिर में पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। लव जिहाद की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अब भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश,कर्नाटक की सरकारें ‘लव जिहाद’के खिलाफ कठोर कानून बनने की घोषणा की है,ताकि अपना वास्तविक नाम और धर्म छुपाकर हिन्दू युवतियों को अपनी फर्जी मुहब्बत के जाल में फँसाने वालों को नमूने की सजा दी जा सके। हरियाणा सरकार द्वारा छात्रा निकिता तोमर की हत्या की जाँच हेतु गठित एस.आई.टी.गठित कर दी गई है, जो इसमें ‘लव जिहाद’ की दृष्टि से भी पड़ताल करेगी। इसके अलावा एस.आई.टी. को सन् 2018में पीड़ित छात्रा के अपहरण के मामले की जाँच की जिम्मेदारी दी है,जिसमें निकिता तोमर के परिवार को मुकदमा वापस लेना पड़ा था। अब ये जाँच

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एजेन्सी यह पता लगायेगीकि आखिर वे कौन-सी परिस्थितियाँ थीं कि माँ-बाप को मजबूर होकर मुकदमा वापस लेने को शपथपत्र देना पड़ा। युवती के माता-पिता लव जिहाद का आरोप लगाया है। अब ये जबरन धर्म परिवर्तन ,लव जिहाद एवं अन्य सभी पहलुओं की जाँच करेगीु।
मेवात इलाके में आरोपी तौसीफ राजनीतिक रसूखदार खानदान से ताल्लुक रखता है। उसके दादा काँग्रेस के विधायक थे।उसके चाचा वर्तमान में काँग्रेस के विधायक है। परिवार के दूसरे लोग भी सियासत में हैं। सन् 2018 में भी निकिता तोमर का अपहरण कराया गया था। उस समय भी तौसीफ के माँ और भाभियों ने उसे मतान्तरण करने के लिए राजी करने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हो गई,तब तौसीफ के परिवार वालों ने निकिता तोमर के घर वालों पर दबाव बनाकर समझौता के लिए यह कहकर मजबूर किया था कि इससे दोनों परिवारों की बदनामी होगी। भविष्य में उनका बेटा उनकी बेटी को परेशान नहीं करेगा। इसमें पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही है, जिसने भारतीय दण्ड संहिता(आइ.पी.सी.) की इतनी गम्भीर धाराओं के रहते हुए कैसे समझौता होने दिया। बाद में एक डेढ़ साल तक शान्त रहने के बाद तौसीफ फिर से निकिता को परेशान करने लगा। इसकी परिणति तौसीफ द्वारा अपहरण की कोशिश में हत्या के रूप में हुई।

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वैसे हरियाणा का नूंह तथा राजस्थान के अलवर जिला मुस्लिम बहुल इलाका है जो ‘मेवात’ कहा जाता है। यह क्षेत्र ‘लव जिहाद’या जोर-जबरदस्ती से युवतियों के अपहरण के साथ-साथ हिन्दुओं को डरा-धमका कर उनकी जमीन-जायदाद राजी-कुराजी कब्जा कर उन्हें पलायन को मजबूर करने को बदनाम है। इस इलाके में हिन्दुओं की बालिग-नाबालिगों बेटियों को जबरदस्ती भगा ले जाने की घटनाएँ आए दिन होती हैं। जब कभी कोई पुलिस में रिपोर्ट कराने की कोशिश करता है,तो थानों में पुलिस उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं करती। यहाँ तक उच्च पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी भी सुनवायी नहीं करते। ऐसे में उन्हें चुप बैठने को विवश होना पड़ता है। सियासी पार्टियों के नेता भी मुसलमानों के आतंक/डर और वोट बैंक के फेर में खामोश बने रहते हैं। इनकी दहशतगर्दी का आलम यह है कि आमतौर पर पुलिस इनके गाँवों में घुसने से खौफ खाती है। इनके गाँवों के मुसलमान आसपास के राज्यों में लूटपाट और खासतौर पर पशुओं तथा वाहनों की चोरी करते हैं। यहाँ खुलेआम गो वध किया जाता है। बड़ी संख्या में गाँव अब हिन्दू विहीन हो गए हैं। मेवात इलाके में ‘तब्लीग जमात’का भारी असर है।उसकी वजह से जो मुसलमान अब तक बहुत से हिन्दू रीति-रिवाज और परम्पराओं का निर्वहन करते थे,वे उन्हें छोड़कर कट्टरवादी मुसलमान बन गए हैं। यहाँ के हिन्दुओं का कहना है कि मुसलमानों की दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं, जैसे दाँतों की बीच जीभ। लेकिन अफसोस की बात यह है कि राजस्थान और अब हरियाणा में विगत सात साल से मे भाजपा की सरकार बनने की बाद भी इस भयावह स्थिति कोई बदलाव नहीं आया। अब देखना यह है कि निकिता तोमर की हत्या की एस.आइ.टी.की जाँच और उसके बाद इस इलाके में क्या परिवर्तन आता है?लेकिन निकिता की हत्या ने मेवात के इस्लामिक कट्टरपन्थियों के जुल्मों और बेइन्साफी को दुनिया के सामने ला दिया है।
सम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,ग

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Rekha Singh

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