वानस्पतिक औषधियाँ

औषधीय गुणों की खान है -करी पत्ता

साभार सोशल मीडिया

डॉ.अनुज कुमार सिंह सिकरवार
करी पत्ता की पत्तियाँ अधिकतर बेसन और मट्ठा से बनी कढ़ी, पोये, सभर, कुछ दालों आदि में स्वाद बढ़ाने के साथ उन्हें औषधीय गुणों से युक्त करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। भले ही कुछ लोग करी पत्तों को व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हो, पर इसकी पत्तियाँ में कई रोगों से मुक्ति दिलाने की क्षमता है। इस कारण करी पत्ता के वृक्ष को ‘औषधीय गुणों का खजाना’कहना अतिश्योक्ति न होगा। इसकी पत्तियों के सेवन से पाचन तंत्र, यकृत,मधुमेय, कोलेस्ट्रॉल, रक्त शर्करा, बालों के न बढ़ने और झड़ने की समस्याओं से मुक्ति दिलाती हैं।ं
अपने देश में प्राचीन काल से इस वृक्ष की पत्तियों का औषधीय रूप से उपयोग होता आया है। इसकी पत्तियाँ मनुष्य के पाचन तंत्र को सही रखती हैं। इन्हें खाने से आँतों का लाभ होता है। जिन लोगों को अपच या फिर पेट में गैस बनने की समस्या है,उनके लिए करी पत्ता के सेवन से बढ़कर कोई दूसरी औषधीय नहीं है। चिकित्सकों का कहना है कि यदि पाचन तंत्र सही है,तो उनके वजन बढ़ने की सम्भावना अधिक नहीं रहती। करी के पत्तों को चबाकर खाने या फिर इन्हें भोजन में डालकर उपयोग करने से शरीर के हानिकारक तत्त्व बाहर हो जाते हैं। करी पत्तों में प्राकृतिक रूप से शोधन (डिटॉक्सिफाई )करने का गुण होता है। ये मधुमेय (डायबिटीज) का स्तर करती है। करी पत्ता एण्टीऑक्सिडेण्ट्स और पलेवोनॉयड्स का बेहतर स्रोत है। इसकी पत्तियों का सेवन रक्त शर्करा( ब्लड शुगर) के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता करता है। ये शरीर में कॉर्बाेहाइडेªेट के अवशेषण करने से रोकता है। ऐसा होने से रक्त मंें शर्करा का स्तर(लेवल) कम हो जाता है। ये कोलेस्ट्रॉल को स्तर भी सन्तुलित करती हैं। करी की पत्तियाँ में एण्टी इन्पेलमेटरी और एण्टीमाइक्रोबियल भी प्रचुर मात्रा में पाये हैं ,जो स्वाभाविक रूप से इन्सुलिन गतिविधि को बढ़ावा देने में सहायक होती हैं। ये यकृत(लिवर) स्वस्थ रखती हैं। करी पत्ता में विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ मिलता है, जो यकृत को स्वस्थ रखने अत्यन्त आवश्यक होता है। इसका नियमित सेवन करने से यकृत मजबूत और स्वस्थ रहता है। सुबह बगैर कुछ खाए इसकी 10-12 पत्तियाँ चबाकर खाने से यूरिक अम्ल(एसिड) भी नियंत्रित रहता है। करी पत्ता में लौह(आयरन) और फॉलिक एसिड प्रचुर मात्रा में मिलते ज हैं,जो शरीर के लिए प्रमुख पोषक तत्त्व हैं। इसमें उपस्थित विटामिन ‘ए’ तथा ‘सी’ यकृत का वसा(फैट) कम करते हैं। बाालों की करी की पत्तियाँ का स्वस्थ और उनके विकास में सहायक होती हैं। करी पत्ता में बीटा कैरोटीन से बड़ी मात्रा में पाया जाता है,जो बालों के झड़ने की समस्या से छुटकारा दिलाता है। यह बालों को बढ़ने में सहायता करता है। वस्तुतः, करी की पत्तियों में अमीनो एसिड की मात्रा भी बहुत अधिक होती है, जो बालों को लम्बा, घना और मजबूत तो करती ही हैं। इसके साथ ही बालों के विकास में भी सहायक होती है। करी पत्ता में फॉस्फोरस , आयरन, कैल्शियम और विटामिन बी 3 भी पाया जाताा है। करी पत्तों का त्वचा और बालों के उपचार हेतु बड़े स्तर उपयोग किया जाता है।
पाचनतंत्र को रखेे दुरुस्त – करी पत्ता खाने से आँतों को बहुत फायदा होता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। जिन लोगों को गैस व अपच की शिकायत रहती है। उनके लिए करी पत्ता का सेवन रामबाण है। विशेषज्ञों के अनुसार-अगर पाचनतंत्र ठीक है तो वजन बढ़ने की सम्भावना कम रहती है।

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