डॉ.अनुज कुमार सिंह सिकरवार
आजकल काले-काले जामुन का खा लो-काले जामुन… की टेर लगाते ठेले पर जामुन बेचने वाले गली-गली, मुहल्ले-मुहल्ले घूम रहे हैं। भीषण गर्मी में पकने वाला यह फल अपने खट्टे-मीठे स्वाद के शौकीनों को बहुत लुभाता है,जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ अत्यन्त स्वास्थ्यकर और औषधीय गुणों से भरपूर भी है। जामुन बेचने वाले मिट्टी की छोटी-सी मटकी में जामुन और सादा नमक डालकर हिलाते हैं,ताकि उनमें नमक मिल जाए। इससे जामुनों का स्वाद और भी बढ़ जाता है।
अपने यहाँ जामुन की प्रजाति आषाढ़ और दूसरी भादौ माह में पकती है। आषाढ़ में पकने वाले जामुन आकार में बढ़े काले केे साथ-साथ कुछ बैंगनी रंग के होते हैं,वहीं भादौ महीपे में पकने वाली प्रजाति के जामुन आकार में छोटा और स्वाद में थोड़ा खट्टे होते हैं। जामुन कई रोगों से मुक्ति दिलाने वाला है। यह रक्त शर्करा(ब्लड शुगर) को कम करता है और इन्सुलिन को नियंत्रित करता है। इसलिए मधुमेय (डायबिटीज) के रोगियों को जामुन खाने की सलाह दी जाती है। जामुन को पोषक तत्त्वों का भण्डार कहें,तो अतिश्योक्ति नहीं होगी,क्यों कि इसमें कैल्शियम, लौह (आयरन), मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। इसके सिवाय विटामिन और फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जामुन तन्तुयुक्त(फाइबर) होने के कारण पाचन शक्ति बढ़ाने वाला फल है। जामुन के सेवन से अम्लता(एसिडिटी) समेत पेट से सम्बन्धित विकारों में कमी आती है। जामुन कैंसररोधी भी है। कीमोथैरेपी और विकरण (रेडिएशन थेरेपी) उपचार के बाद जामुन का सेवन लाभकारी होता है। जामुन खाने से गुर्दे की पथरी की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके लिए जामुन की गुठली के चूर्ण को दही में मिलाकर सेवन करना चाहिए। जामुन के खाने से यकृति(लिवर) की बीमार दूर होती है। मुँह में छाले होने पर जामुन के रस का प्रयोग करने से बहुत जल्दी आराम मिलता है। दस्त होने पर जामुन के रस को सेंधा नमक के साथ मिलाकर खाने से दस्त बन्द हो जाते हैं।
यह फल जितना स्वादिष्ट होता है,उतना ही सेहत के लिहाज से फायदेमद भी होताहै। जामुन खाने से ब्लड शुगर घटता है और इन्सुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है। यही कारण है कि डायबिटीज के साथ जी रहे लोगों को जामुन खाने की सलाह दी जाती है। बात अगर इसके गुणों की करें और तो जामुन में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्त्व होते हैं। इसके अलावा विटामिन और फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जामुन पाचन शक्ति बढ़ाता है और इससे अम्लता(एसिडिटी) समेत पेट से सम्बन्धित विकार कम होते हैं। जामुन में कैंसररोधी गुण भी पाया जाते हैं। कीमोथैरेपी और रेडिएशन थेरेपी के बाद जामुन खाना फायदेमन्द होता है। जामुन खाने से पथरी की समस्या से निजात मिलती है। इसके लिए जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाना चाहिए। जामुन के सेवन से लिवर की बीमार दूर होती है। मुँह में छाले होने पर जामुन के रस का प्रयोग करने से बहुत जल्दी आराम मिलता है। दस्त होने पर जामुन के रस को सेंधा नमक के साथ मिलाकर खाने से दस्त बन्द हो जाते हैं।
Add Comment