फणीश्वरनाथ रेणु धूल में पड़े कीमती पत्थर को देखकर जौहरी की आँखों में एक नई झलक झिलमिला गई – अपरूप-रूप! चरवाहा मोहना छौंड़ा को देखते ही पँचकौड़ी मिरदंगिया...
Tag - रसप्रिया
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