रचयिता – प्राग सिंह बैस सिर-दाढ़ी के खिचड़ी बार, स्कूटर पर सदा सवार, धुँआधार बेधड़क विचार, आत्मीयता अतुल्यागार । असहमत और भिन्न विचार वाक् भिड़न्त को सदैव...
Tag - गौरी शंकर जी
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