Author - Rekha Singh

वानस्पतिक औषधियाँ

वीर्यवर्द्धक है- सफेद मसूली

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह अति प्राचीन काल से आयुर्वेद की दिव्य औषधियों के रूप में ख्याति प्राप्त जड़ी-बुटी है। यह लगभग पूरे भारत में उगता है। इसका पत्ता...

वानस्पतिक औषधियाँ

वात, कृमिनाशक है- कालीजीरी

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह एक वर्ष जीवी पौधा है। सम्पूर्ण भारत में उगता है। इनके पत्ते कटे हुए बारीक होते हैं। बरसात में इनकी मंजरियाँ निकलती हैं। जो लम्बी...

वानस्पतिक औषधियाँ

खाँसी, श्वांस, दमा, दाद आदि की दवा- चकवड़

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह सर्वत्र उपलब्ध है। झारखण्ड एवं बिहार, उत्तरप्रदेश में यह बहुतायत से प्राप्त होता है। इसके पत्ते सनायु से मिलते जुलते तथा फली भी...

वानस्पतिक औषधियाँ

ज्वर,पित्त,पेचिश की औषधि- अपराजिता

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह बहुवर्षजीवी लता जाति का पौधा है। सफेद एवं नीला फूल के अनुसार इसकी दो प्रजातियाँ हैं। नीले फूल में भी एक इकहरे फूल वाले होते हैं।...

वानस्पतिक औषधियाँ

कान दर्द,गठिया,स्तन सूजन की दवा- धतूरा

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह सोलोनेसी कुल का पूरे भारत में मिलता है। इस पौधा को सभी लोग जानते हैं। भगवान शिवजी के ऊपर यह समर्पित होता है। इसके उजले, पीले एवं...

वानस्पतिक औषधियाँ

पागलपन जैसे रोगों की दवा है-पारसीक अजवायन

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह अजवायन के गंध की परन्तु अजवायन से भिन्न पौधा हैं। इसका नामकरण ठीक नहीं है। फिर भी यह औषधीय गुण रखने के कारण चिकित्सा जगत में...

वानस्पतिक औषधियाँ

पीलिया आदि रोगों की औषधि है- मूसली काली

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार इस वनस्पति का पौधा नौइंच से डेढ़ फीट तक ऊँची होती है। ताड़ के पत्तों के समान इसके पत्ते होते हैं। कन्द मूली के समान किन्तु काला पतला...

वानस्पतिक औषधियाँ

बालों समेत कई रोगों की दवा है – भृंगराज

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह कम्पोजिटी/गेन्दा कुल का एक शाकीय पौधा है, इसे ‘भाँगरा’ भी कहते हैं। इसके पौधे बरसात में सभी जगह पैदा होते हैं। नमी वाले जमीन में...

वानस्पतिक औषधियाँ

रक्तशोधक तथा खुुजली कम करने की औषधि – वृश्चिकाली

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह एक वर्षीय पौधा है। कभी-कभी आर्द्र भूमि पर यह कुछ वर्षों तक हरी रहती है। यह बरसात में उगती है। इसका पौधा 2 फीट से 5 फीट तक ऊँचा...

वानस्पतिक औषधियाँ

नपुंसकता और गर्भाशय दोष दूर करने में सहायक- गोखरु

डॉ. अनुज कुमार सिंह सिकरवार यह वर्षा ऋतु में उत्पन्न होती है। यह जमीन के ऊपर छत्ते की तरह फैली हुई होती है। इनके पत्ते चने के पत्ते की तरह होते है,पर उससे कुछ...

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