कहानी

अल्लाह की बुद्धिमानी

साभार सोशल मीडिया

एक बार गरमियों में गाँव में एक ऐसा आदमी आया जिसे कोई भी चीज खुश नहीं कर सकती थी। वह आराम करने के लिए अखरोट के एक पेड़ के नीचे बैठ गया। यह पेड़ हर साल खूब फल देता था और अपने मालिक के लिए यह बहुत ही कीमती था। पेड़ के आस-पास की जमीन भी कीमती थी और उसमें कद्दू के पौधे के बीज बोए हुए थे। जब वह आदमी, जिसे कोई खुश नहीं कर सकता, बैठ गया, उसने देखा कि उसके पास में ही एक अधपका कद्दू पल रहा था।

उसने अखरोट के पेड़ को देखा, फिर कद्दू की बेल को देखा।
‘ओ, अल्लाह!’ वह बोला, “तेरे तरीके भी कितने अजीब हैं! इतने बड़े पेड़ को तो तूने छोटे-छोटे फल दिए हैं और जमीन पर पड़ी कद्दू की इस बेल को इसकी शक्ति की तुलना में इतना बड़ा फल दे दिया! क्या यह ज्यादा समझदारी नहीं होती कि इसका उलटा किया जाता?!

तभी ऊपर डाली से एक अखरोट टूटकर उस बड़बड़ा रहे आदमी के नंगे सिर पर पड़ा और वह अचानक चौंक गया और अपने सिर को मलने लगा।

‘हाय अल्लाह!” वह विस्मय से बोला, ‘अब मुझे आपकी बुद्धिमानी दिखाई दे रही है। आखिरकार आप ही सही हैं। अगर अखरोट के पेड़ पर कद्दू डगाया गया होता और इतनी ऊँचाई से वह मेरे सिर पर गिरा होता तो मैं तो मर ही गया होता! अब मुझे आपकी बुद्धिमानी, महानता और शक्ति नजर आ रही हैं।’

(रस्किन बांड की रचना ‘कश्मीरी किस्सागो’ से)

About the author

Rekha Singh

Add Comment

Click here to post a comment

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0145787
This Month : 4576
This Year : 83080

Follow Me