कार्यक्रम

भक्ति संगीत स्थल पर देवता करते हैं वास – डॉ आर. एस. पारीक

75वें गुरुजन सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियां सम्मानित।
पं रघुनाथ तलेगाँवकर फाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केन्द्र, आगरा के संयुक्त तत्वावधान में गुरू पूर्णिमा महोत्सव एवं 75वें गुरुजन सम्मान समारोह का आयोजन दिनांक 20 जुलाई 2025 को ग्रांड होटल आगरा के मुख्य सभागार में आयोजित किया गया |
कार्यक्रम का प्रारंभ प्रथम पूज्य श्री गणपति एवं मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पं विष्णु दिगम्बर पलुस्कर, पं विष्णु नारायण भातखण्डे, पं. रघुनाथ तलेगाँवकर, श्रीमती सुलभा जी, रानी सरोज गौरीहार, उस्ताद लल्लू सिंह एवं संगीत नक्षत्र पं. केशव जी के चित्र पर विशिष्ट अतिथि डॉ आर. एस. पारीक (पद्मश्री से सम्मानित) एवं संस्था सदस्यों द्वारा माल्यार्पण कर किया गया | कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति के रूप में‌ संगीत‌ कला केन्द्र के नन्ही छात्रा निहि सिंह ने सरस्वती वंदना- “जय जय माता शारदे” का गायन किया। अगली प्रस्तुति में गुरू वंदना – “गुरु तेरी महिमा अपरम्पार” की सुन्दर रचना निहि सिंह एवं राघव गर्ग द्वारा प्रस्तुत की गई‌‌| इसके बाद किशन कुमार द्वारा राग अल्हैया बिलावल में “लाज रखो तुम कृष्ण मुरारी” एवं तराने का सुंदर गायन कर श्रोताओं को आनंदित कर दिया।
इसके उपरान्त गुरु नमन करते हुए दर्शित राज सोनी एवं सुमित कुमार ने “गुरु बिन ज्ञान कहाँ से पाऊँ” की शास्त्रीय ढंग से प्रस्तुति की, तदोपरान्त मल्हार का सुर श्रृंगार कर राग गौड़ मल्हार में “बोलन आए दादुरवा” एवं राग मियाँ मल्हार में “बूंदन बरसे जिया हुलसे” की मौसम के अनुसार शानदार प्रस्तुति केन्द्र की छात्राओं आर्ची, आरुषि राय, कल्पना ठाकुर, अभिलाषा शुक्ला एवं ईशा सेठ ने किया। इसके बाद राग वृन्दावनी सारंग पर आधारित सुगम रचना “रिमझिम रिमझिम बादल बरसे” एवं लोक रचना “बैरी बदरा तू काहे बरसे मोरे अंगना” की ऊर्जापूर्ण प्रस्तुति महक जादौन, आर्या भाटी, खुशी झा, दृष्टि उपाध्याय एवं शुभि अग्रवाल ने की ।
यह सभी प्रस्तुति‌याँ गुरू मां श्रीमती प्रतिभा जी द्वारा निर्देशित की गई । तबला संगत आगरा के वरिष्ठ तबला वादक श्री मनीष प्रभाकर एवं संवादिनी पर पं रविन्द्र तलेगाँवकर ने अप्रतिम साथ संगत की ।
इन सुरीली प्रस्तुतियों के बाद छात्रों को प्रमाणपत्र एवं मेडल संस्था सदस्य श्रीमती वत्सल प्रभाकर एवं डॉ आभा चतुर्वेदी जी द्वारा प्रदान किए गए।
कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति के रूप में नैनीताल उत्तराखण्ड से पधारे लखनऊ घराने के युवा कलाकार श्री हर्षित कुमार का सितार वादन रहा | आपने राग मियाँ की तोड़ी में विलम्बित गत तीनताल में क्रमबद्ध प्रक्रिया से लखनऊ घराने की परंपरा के अनुसार वादन प्रस्तुत किया | आपने पारंपरिक रचनाओं का प्रस्तुतिकरण विशेष तैयारी के साथ प्रस्तुत कर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध किया | तबला संगति डॉ भानू प्रताप सिंह ने कुशलतापूर्वक की |

सांगीतिक प्रस्तुतियों के अंतिम चरण में आगरा नगर की युवा कथक नृत्यांगना सुश्री उर्वशी शर्मा ने तीनताल में लखनऊ एवं जयपुर घराने की पारंपरिक रचनाएं आमद एवं परनों की उत्कृष्ट प्रस्तुति कर श्रीताओं को भाव विभोर किया । आपने प्रस्तुति का समापन राधा रानी को समर्पित अभिनय की रचना से किया।
आपके साथ पढ़न्त पर आपकी माँ एवं गुरु श्रीमती रुचि शर्मा, गायन एवं संवादिनी पर श्री सुभाष सक्सैना तथा तबले पर युवा वादक श्री मोहित कुमार ने सधी हुई संगत की ।
कार्यक्रम के मुख्य चरण में नगर के विशिष्ट व्यक्तित्वों को अपने क्षेत्र में विशेष कार्य करने हेतु सम्मानित किया गया | नगर की वरिष्ठ साहित्यविद् ‌ प्रो. (डा.) बीना शर्मा को “साहित्य शिल्पी”, डॉ गिरधर शर्मा को “शिक्षा शिल्पी”, डॉ बचन सिंह सिकरवार को “जनसंचार शिल्पी”श्री अमृत कुमार को “संगीत शिल्पी”, श्री कृष्ण जी को “वाणी विलास”, पं संजय देवले को “आदर्श गुरु” श्री अनिल शर्मा को “समाज शिल्पी” एवं डॉ नीलू शर्मा को “नृत्य शिल्पी” के मानद सम्मान से संस्था संरक्षक परम श्रद्धेय डॉ राधेश्याम पारीक अध्यक्ष श्री विजय पाल सिंह चौहान, उपाध्यक्ष श्री अनिल वर्मा, सदस्य श्री अरुण डंग, डॉ मंगला मठकर, श्री रविन्द्र तलेगाँवकर एवं श्रीमती प्रतिभा तलेगांवकर ने उपवस्र सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया | सभी सम्मानित अतिथियों का जीवन परिचय डॉ महेश चंद्र धाकड़ जी ने प्रस्तुत किया।
संस्था की ओर से नगर के विद्वत गुणीजनों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया जिनमें
पं देबाशीष चक्रवर्ती, पं मोहित कुमार, अनिल डंग, डॉ अरुण चतुर्वेदी, दीपक प्रह्लाद,पार्थो सेन, डॉ आभा चतुर्वेदी, योगेश शर्मा योगी, राज बहादुर सिंह, डॉ प्रदीप श्रीवास्तव, धन्वंतरि पराशर, डॉ सुषमा सिंह, डॉ वंदना अग्रवाल, डॉ मनीषा, श्री विलास पालखे, श्री आनंद हरिदास, डॉ महेश चंद्र धाकड़, श्री असलम सलीमी, उस्ताद सलीम ख़ान, श्रीमती मेघा शर्मा, मीनू गिरी उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन श्री श्रीकृष्ण जी ने संस्था के इतिहास, गुरु शिष्य परम्परा के महत्व एवं सुंदर शब्द संयोजन के साथ किया | संस्था अध्यक्ष श्री विजयपाल सिंह चौहान ने सभी सहयोगी, श्रीताओं एवं छात्रों का आभार व्यक्त किया।

रिपोर्ट -असलम सलीमी

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0126601
This Month : 10231
This Year : 63894

Follow Me