कार्यक्रम

यमुना पूजन के साथ प्रारंभ हुआ अष्ट दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव

 

श्रीमद्जगद्गुरु विष्णु स्वामी विजयराम देवाचार्य भैयाजी महाराज ने समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रवण कराई महात्म्य की कथा

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।चामुंडा मोड़-परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीशेष नारायण मंदिर (आनन्द धाम आश्रम) में अष्ट दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यन्त श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारंभ हो गया है।सर्वप्रथम संतों व भक्तों के द्वारा श्रीयमुना महारानी का पूजन-अर्चन किया गया।तत्पश्चात कथा स्थल तक गाजे-बाजे के मध्य श्रीमद्भागवतजी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।जिसमें सैकड़ों महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर साथ चल रही थीं।
व्यासपीठ पर आसीन श्रीमद्जगद्गुरु विष्णु स्वामी विजयराम देवाचार्य भैयाजी महाराज (बल्लभगढ़ वाले) ने अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत के महात्म्य की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत मानवीय जीवन के बहुमूल्य सूत्रों और सिद्धांतों की संहिता है।इस ग्रंथ के श्रवण करने से जीवन तो जीवन मृत्यु भी सुख मय बन जाती है।साथ ही इसमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के सूत्र और सिद्धांत तथा समाधान निहित हैं।उन्हें समझ कर धारण कर जीवन में उतारने की परम् आवश्यकता है।
श्रद्धेय भैयाजी महाराज ने कहा कि सदगुरु का आश्रय लिए बिना प्रभु की भक्ति मिलना संभव नहीं है।जिस प्रकार नदी पार करने के लिए नौका की आवश्यकता होती है,उसी प्रकार भवसागर पार करने के लिए एवं प्रभु भक्ति पाने के लिए हमें सदगुरु की परम् आवश्यकता होती है।इसीलिए हमें अपने जीवन में सदगुरु अवश्य बनाने चाहिए।जिससे कि हमारा कल्याण हो सके।
महोत्सव में पधारे महामंडलेश्वर स्वामी अरुणदास महाराज (हरिद्वार) एवं प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी
ने कहा कि श्रीशेष नारायण मंदिर (आनन्द धाम आश्रम) के अध्यक्ष श्रीमद्जगद्गुरु विष्णु स्वामी विजयराम देवाचार्य भैयाजी महाराज (बल्लभगढ़ वाले) धर्म व अध्यात्म की बहुमूल्य निधि हैं।उन्होंने श्रीमद्भागवत, श्रीमद्रामायण एवं अपने उपदेशों के माध्यम से देश-विदेश में प्रभु भक्ति का प्रचार-प्रसार करके असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया है।
महोत्सव में कलाधारी बगीची आश्रम के महन्त जयराम दास महाराज, गोरे दाऊजी मंदिर के महन्त प्रहलाद दास महाराज, महन्त रामप्रकाश त्यागी महाराज, महन्त लक्ष्मण दास महाराज, महन्त श्यामदास महाराज, महन्त अभय दास महाराज, महन्त शिवदत्त प्रपन्नाचार्य महाराज, महन्त योगेंद्र दास महाराज (सखी बाबा), महन्त वेदबिहारी दास महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विरक्त वैष्णव परिषद की कार्यकारिणी के समस्त सदस्य उपस्थित रहे।

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Rekha Singh

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