कार्यक्रम

श्रीधाम वृन्दावन के कण-कण में विद्यमान हैं श्रीराधा कृष्ण : भागवताचार्य डॉ. अशोक शास्त्री

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।चैतन्य विहार फेस-2 क्षेत्र स्थित संस्कार लोक गुरुकुलम् में परम् रसिक संगीताचार्य अनंतश्री विभूषित निकुंजवासी सुखदेव दास महाराज (गौतम ऋषि आश्रम) की सद्प्रेरणा से चल रहा अष्टदिवसीय चतुर्थ वार्षिक महोत्सव हवन की पूर्णाहुति एवं संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा (वृहद भंडारे) के साथ संपन्न हुआ।इसके साथ ही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा का भी विश्राम हुआ।
इस अवसर पर देश के विभिन्न प्रांतों से आए समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं को अपने आशीर्वचन देते हुए संस्कार लोक गुरुकुलम् के संस्थापकाध्यक्ष भागवताचार्य डॉ. अशोक शास्त्री ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन उत्सवों की भूमि है।इस पावन भूमि के प्रत्येक कण-कण में श्रीराधा कृष्ण विद्यमान हैं।इसीलिए यहां की भूमि अत्यंत पावन व प्रणम्य है।इस भूमि पर केवल वही व्यक्ति आ सकता है,जिस पर श्रीराधाकृष्ण अपनी कृपा करते हैं।उनकी कृपा के बिना यहां आना असम्भव है।हम सभी बहुत सौभाग्यशाली हैं जो हम इस पावन धाम में आकर ठाकुरजी का उत्सव मना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वृन्दावन धाम की महिमा स्वर्ग से भी अधिक है।यहां पर रहने वाले ब्रजवासी व संत स्वर्ग जाने की आशा नहीं रखते।उनके लिए श्रीधाम वृन्दावन ही स्वर्ग से श्रेष्ठ है।इसीलिए सभी देवतागण इस ब्रजभूमि में बार बार लीला करने आते रहते हैं।यहां पर ठाकुरजी का उत्सव मनाने से अन्य स्थानों की अपेक्षा शतगुणा अधिक फल प्राप्त होता है।
इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार एवं अध्यात्मविद् डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, मुख्य यजमान श्रीमती मीरा – सुरेन्द्र अग्रवाल, श्रीमती बीनू – दीपक मुरारका, विशेष सहयोगी भक्तिमती सुशील गुप्ता, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, भक्तिमती मीरा केडिया एवं श्रीमती सुमन तथा समस्त गोपिका मण्डल (बैंगलुरु) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।महोत्सव का समापन संत ब्रजवासी वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0146455
This Month : 5244
This Year : 83748

Follow Me