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प्रत्येक जीव को कुंभ स्नान अवश्य करना चाहिए : महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।रतनछत्री क्षेत्र स्थित गीता विज्ञान कुटीर में अपनी धार्मिक यात्रा पर आए प्रख्यात वेदान्त उपदेशक, श्रीमद्भगवदगीता के प्रकांड विद्वान, वयोवृद्ध संत महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज (हरिद्वार) का नगर के प्रख्यात साहित्यकार व समाजसेवी डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने उनके द्वारा धर्म व अध्यात्म के क्षेत्र में की गई अविस्मरणीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया।साथ ही उनसे आध्यात्मिक वार्ता की।
प्रयागराज महाकुंभ में लगे अपने शिविर “दिव्य श्री गायत्री गीता साधना ” का समापन कर श्रीधाम वृन्दावन पधारे गीता विज्ञान कुटीर (हरिद्वार-वृन्दावन) के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने भक्तों-श्रृद्धालुओं को उपदेश देते हुए कहा कि अमृत से पूर्ण कुंभ समुद्र मंथन के समय जहां-जहां स्थापित किया गया था, वहां वहां उस कुंभ पर्व को हम संत लोग बहुदा होता हुआ देखते हैं। यह कुंभ पर्व समस्त 14 भुवनों में समय-समय पर उपस्थित होता है। कुंभ पर्व के काल को बैकुंठ के तुल्य पवित्र कहा जाता है। शास्त्रानुसार उज्जैन, हरिद्वार, प्रयागराज तथा नासिक आदि स्थानों पर लगने वाले कुंभ मेले में स्नान, दान, जप-तप, ध्यान एवं यज्ञ अनुष्ठानों का विशेष महत्व माना जाता है।हज़ारों अश्वमेध करने से एवं सैकड़ों वाजपेय यज्ञ करने से अथवा संपूर्ण पृथ्वी की लाख बार प्रदक्षिणा करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, वह फल मात्र कुंभ स्नान करने से मनुष्य को प्राप्त हो जाता है।इसलिए प्रत्येक जीव को कुंभ स्नान अवश्य करना चाहिए।
पूज्य महाराजश्री के परम् कृपापात्र शिष्य हरिकेश ब्रह्मचारी महाराज ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ में महाराजश्री के निर्देशन में लगे दिव्य श्री गायत्री गीता साधना शिविर के द्वारा असंख्य संतों, भक्तों-श्रद्धालुओं व सफाई कर्मियों को भोजन प्रसाद, चाय-बिस्कुट एवं दूध आदि की निस्वार्थ सेवा की गई।इसके अलावा उनके लिए रात्रि विश्राम की भी निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध कराई गई।
प्रख्यात साहित्यकार व समाजसेवी डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज प्राचीन भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति की ध्वजा को विश्वभर में फहराने का जो महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं,उससे असंख्य व्यक्तियों को प्रभु भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर प्रख्यात चित्रकार द्वारिका आनंद, युवा साहित्यकार व पत्रकार डॉ. राधाकांत शर्मा, स्वामी लोकेशानंद महाराज, पण्डित मुनीराम योगी, श्यामवीर, उदय नारायण कुलश्रेष्ठ आदि की उपस्थिति विशेष रही।इससे पूर्व महाराजश्री द्वारा प्रकाशित “गीता लोक” मासिक पत्रिका के नवीन प्रयागराज महाकुंभ अंक का विमोचन किया गया।

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