(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।छीपी गली स्थित श्रीप्रिया वल्लभ कुंज में श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा 18वीं शताब्दी के रस सिद्ध गृहस्थ संत व प्रख्यात वाणीकार श्रीहित परमानंद दास महाराज एवं उनकी शिष्या महारानी बखत कुंवरि (प्रिया सखी) जू के सेव्य ठाकुरश्री विजय राधावल्लभ लाल व ठाकुरश्री प्रियावल्लभ लाल जू महाराज का त्रिदिवसीय 211 वां पाटोत्सव विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ राधावल्लभीय संप्रदायाचार्य गोस्वामी श्री हित गोविंद लाल गोस्वामी जी के कर कमलों द्वारा ध्वजारोहण करके किया।तत्पश्चात् राधावल्लभीय समाज गायक राकेश दुबे की अगुवाई में श्रीहित परमानंद जी कृत “व्यासनंदन” जू का मंगल एवं सेवक जू का मंगल एवं बधाई गान संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य किया गया।सायं 5 बजे से श्रीहित हरिवंश महाप्रभु कृत श्रीराधा रस सुधा निधि का मूलपाठ संपन्न हुआ।इसके अलावा 24 घंटे का अखंड श्रीहरिनाम संकीर्तन प्रारंभ हो गया।
इस अवसर पर मंदिर के सेवायत आचार्य विष्णुमोहन नागार्च के द्वारा श्रीप्रियावल्लभ लाल जू महाराज का भव्य श्रृंगार किया गया।साथ ही उनकी विशेष आरती की गई।
महोत्सव में पधारे सभी आगंतुक महानुभावों का हित उत्सव चेरिटेबल ट्रस्ट के सचिव रसिकबल्लभ नागार्च (पूर्व पार्षद) ने माल्यार्पण करके स्वागत किया।
तत्पश्चात श्रीहित ध्रुव नागार्च महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा विभिन्न प्रांतों से आए सभी भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमदभक्तमाल कथा की कथा का रसास्वादन कराया।
महोत्सव में प्रख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य ललित वल्लभ नागार्च, समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख समाजसेवी पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ, प्रमुख शिक्षाविद् डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा, रवि पाठक, श्रीमती कमला देवी, श्रीमती अलका देवी, कुंज बिहारी, श्रीहित चंद्रमोहन नागार्च, डॉ. राधाकांत शर्मा, पंडित मदनमोहन, मुन्ना शास्त्री, रासबिहारी मिश्रा, तरुण मिश्रा, जुगल किशोर शर्मा, भरत किशोर शर्मा, प्रिया, चित्रा, कीर्ति नागार्च, हितानन्द नागार्च, रसानंद नागार्च, प्रेमानंद नागार्च, दिव्यानन्द नागार्च, दिव्यम शर्मा, अनन्या
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