(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।ओमेक्स इंटरनिटी स्थित साक्षी धाम आश्रम में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है। महोत्सव का शुभारभ प्रातःकाल गाजे-बाजे के साथ निकाली गई भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ।जिसमें सैकड़ों भक्त-श्रृद्धालु श्रीहरिनाम संकीर्तन करते हुए साथ चल रहे थे।
तत्पश्चात व्यास पीठाधीन महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्करानंद महाराज ने देश-विदेश से आए सैकड़ों भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण की अमृतमयी कथा का रसास्वादन कराते हुए कहा कि महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित 18वां पुराण श्रीमद्भागवत साक्षात कल्पवृक्ष के समान है।इसका आश्रय लेने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं निश्चित ही पूर्ण होती हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा जीवन तो जीवन, मृत्यु को भी सुखद और आनंदमय बना देती है। इसका श्रवण, वाचन व अध्ययन करने से व्यक्ति पाप मुक्त होकर प्रभु की भक्ति को प्राप्त करता है।
महोत्सव में पूज्य महाराजश्री की परम् कृपापात्र शिष्या साध्वी कृष्णानंद महाराज ने श्रीराधा कृष्ण की महिमा से ओतप्रोत भजनों का संगीतमय गायन कर सभी को भाव-विभोर कर दिया।
ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्करानंद महाराज श्रीमद्भागवत कथा, श्रीराम कथा, श्रीदेवी भागवत कथा, श्रीशिव महापुराण कथा एवं श्रीमद्भक्तमाल आदि कथाओं के सरस प्रवक्ता हैं।देश के प्रख्यात संतों व धर्माचार्यों ने उन्हें “वेदांताचार्य” की उपाधि दी हुई है। उनके द्वारा संस्थापित “अखंड दया धाम” देश भर में विभिन्न सेवा प्रकल्प संचालित कर लोक-कल्याण के अनेकानेक कार्य कर रहा है।उनके द्वारा संस्थापित गौशाला में हजारों गायों की भली भांति समुचित सेवा की जा रही है।साथ ही आपके द्वारा निर्धन विद्यार्थियों के लिए अपने आश्रम में निःशुल्क शिक्षा, आवास व भोजन आदि की उचित व्यवस्था है।इसके अलावा उनके द्वारा अपने आश्रम व अन्य स्थानों पर संतों, ब्राह्मणों एवं निर्धनों व निराश्रितों आदि के लिए अन्न क्षेत्र संचालित किए जा रहे हैं।महाराजश्री के द्वारा देवभूमि हरिद्वार के सप्त सरोवर क्षेत्र में विशाल आश्रम का निर्माण भी कराया जा रहा है।जिससे असंख्य भक्त-श्रद्धालु लाभान्वित होंगे।
इस अवसर पर आयोजन के मुख्य यजमान मदन भसीन व रेखा भसीन ने श्रीमद्भागवत महापुराण व व्यास पीठ का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन कर पूज्य महाराजश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
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