कार्यक्रम

भगवद्प्राप्ति ही जीव का एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए : महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।कालीदह क्षेत्र स्थित अखण्ड दया धाम में मंगलायतन सेवा ट्रस्ट के द्वारा कार्तिक मास के उपलक्ष्य में
सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ पर आसीन अखण्ड दया धाम के संस्थापक महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्करानंद महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में देश-विदेश से आए सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को भगवान के जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि हमें अपने आराध्य के प्रति दृढ़ विश्वास और अटूट श्रद्धा रखनी चाहिए।तभी हम प्रभु की साधना करके उनको प्राप्त कर सकते हैं।व्यक्ति के हृदय में श्रद्धा और विश्वास की कमी ही भगवद साधना में रुकावट उत्पन्न करती है।इसके लिए संत समागम और हरिकथा ही सर्वोत्तम उपाय है।
पूज्य महाराजश्री ने कहा कि भगवद्प्राप्ति ही जीव का एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए।इसके लिए हमारे ऋषियों-मुनियों ने अनेकों साधन बताये हैं।हमारे धर्म ग्रंथों में नौ प्रकार की भक्ति का वर्णन किया है।जिन्हें नवधा भक्ति भी कहा जाता है।जिनमें श्रवण, कीर्तन, स्मरण, चरण सेवा (पाद सेवन), अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य एवं आत्म निवेदन। इन नौ भक्तियों के द्वारा भक्त परमात्मा को प्राप्त कर लेता है।लेकिन गोपियों द्वारा उद्धवजी को बताई गई प्रेमा भक्ति ही संसार में भगवत प्राप्ति का सर्वश्रेष्ठ साधन है।जिसके द्वारा भक्त को शीघ्र ही प्रभु की प्राप्ति हो जाती है।
इस अवसर पर साध्वी कृष्णानंद महाराज, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, विनोद कुमार गुप्ता (फिरोजाबाद), डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0147035
This Month : 5824
This Year : 84328

Follow Me