कार्यक्रम

संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज ने अपनी साधना के बल पर असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया : सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।वंशीवट क्षेत्र स्थित संकीर्तन भवन में संकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के तत्वावधान में प्रख्यात संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज का 139 वां द्विदिवसीय आविर्भाव महोत्सव विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ।जिसके अंतर्गत प्रातः काल प्रख्यात संतों , विप्रों व धर्माचार्यों के द्वारा महाराजश्री की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक, पूजन-अर्चन व माल्यार्पण किया गया।साथ ही उनकी विशेष आरती की गई।इसके अलावा अखंड श्रीभागवत चरित पारायण पाठ एवं बधाई गायन आदि के कार्यक्रम भी संपन्न हुए।साथ ही भव्य फूल बंगला सजाया गया।
इस अवसर पर आयोजित वृहद संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीनाभाद्वाराचार्य श्रीमज्जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज एवं श्रीपीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि संत शिरोमणि प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज सहजता, सरलता, उदारता व परोपकारिता की प्रतिमूर्ति थे।उन्होंने अपनी साधना के बल पर अनेकानेक व्यक्तियों का कल्याण किया।उन्होंने धर्म व अध्यात्म के संरक्षण व उन्नयन के लिए संकीर्तन भवन, झूंसी की स्थापना कर श्रीधाम वृन्दावन व दिल्ली में भी उसकी शाखाएं स्थापित कीं।
आचार्य कुटी के अध्यक्ष श्रीमज्जगद्गुरु स्वामी रामप्रपन्नाचार्य महाराज एवं प्रमुख समाजसेवी गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि पूज्य प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज श्रीमद्भागवत के प्रकांड विद्वान थे।उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण ग्रंथ की ब्रजभाषा में टीका कर ब्रजवासियों को धर्म व अध्यात्म की एक नई धरोहर प्रदान की।
संकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी आचार्य विनय त्रिपाठी व भागवताचार्य गोपाल भैया महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव गोलोकवासी संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज समन्वयवादी संत थे।वे सभी संप्रदायों का आदर करते थे।उन्होंने धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज के साथ गौ हत्या आन्दोलन का बढ़ चढ़कर नेतृत्व किया।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं आचार्य नेत्रपाल शास्त्री ने कहा कि पूज्य ब्रह्मचारी महाराज अनेकानेक सद्गुणों की खान थे।यदि हम लोग उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण कर लें तो हमारा कल्याण हो सकता है।
संत-विद्वत सम्मेलन में डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री महाराज, प्रख्यात भजन गायक बनवारी महाराज, रासाचार्य स्वामी भुवनेश्वर वशिष्ठ, आचार्य मंगेश दुबे, डॉ. राधाकांत शर्मा, भागवताचार्य मुकेश मोहन शास्त्री, रासाचार्य स्वामी राम शरण शर्मा, पण्डित श्याम सुन्दर ब्रजवासी,, स्वामी निग्रहाचार्य महाराज, आचार्य घनश्याम दुबे, स्वामी प्रेम शरण शर्मा, आचार्य ईश्वरचंद्र रावत, विनोद अवस्थी, आचार्य सुमंत कृष्ण महाराज, मयंक कृष्ण महाराज, नरसिंह पीठाधीश्वर स्वामी विष्णुसिद्ध महाराज, सौरभ द्विवेदी, आचार्य शिवम साधक महाराज, धर्मेंद्र उपाध्याय, आचार्य पंकज मिश्रा, पण्डित सुरेश चंद्र शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन पण्डित बिहारीलाल शास्त्री ने किया।धन्यवाद ज्ञापन महाराजश्री के परम कृपापात्र आचार्य गोपाल भैया महाराज ने किया।
महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0107296
This Month : 2617
This Year : 44589

Follow Me