कार्यक्रम

श्रीहित बड़ा रासमण्डल पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा में नंद महोत्सव की धूम

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।गोविन्द घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा (श्रीहित रासमण्डल) में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से भागवताचार्य श्याम सुंदर ठाकुरजी महाराज (बरसाना वाले) ने अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को भगवान के जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि ऋषि-मुनियों की वाणी सिद्ध करने के लिए स्वयं भगवान नारायण नर रूप में पृथ्वी पर अवतरित होकर उनकी भक्ति को सुदृढ बनाते हैं।पृथ्वी पर जब-जब पाप व अधर्म बढ़ने लगता है और धर्म का क्षय होने लगता है, तब-तब धर्म की पुनः स्थापना व पापियों और अधर्मियों का नाश करने के लिए भगवान नारायण प्रत्येक युग में पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।द्वापर युग में आतातायी कंस के अत्याचारों से त्रस्त संत, वैष्णव, ब्रजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान नारायण ने श्रीकृष्ण के रूप में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में कंस के कारागार में अवतार लिया था।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को यदि वर्तमान परिपेक्ष्य में देखा जाए तो वे न केवल भगवान हैं, अपितु वर्तमान और हर युग के सर्वश्रेष्ठ गुरु भी हैं।हम सभी को इनकी नित्य पूजा करने के साथ-साथ इनके द्वारा बताए गए सद्मार्ग को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।तभी हमारा कल्याण हो सकता है।
इस अवसर पर बालकृष्ण की अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक झांकी सजाई गई।साथ ही नदोत्सव की बधाइयों का गायन किया गया।इसके अलावा मेवा-मिष्ठान, खेल-खिलौने, रुपए-कपड़े व बर्तन आदि लुटाए गए।
महोत्सव में श्रीहित रासमण्डल के अध्यक्ष श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज, महंत दंपति शरण महाराज (काकाजी), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, रासाचार्या स्वामी कन्हैया लाल महाराज (बरसाना वाले), मुख्य यजमान विष्णु प्रसाद अग्रवाल (मंडला), श्याम सुंदर – राधिका अग्रवाल,भागवताचार्य रामप्रकाश भारद्वाज “मधुर”, रासाचार्य स्वामी देवेंद्र वसिष्ठ, हरे कृष्ण, राधा वल्लभ वसिष्ठ, डॉ. राधाकांत शर्मा, प्रिया शरण वसिष्ठ, लालू शर्मा, इंद्र कुमार शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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