(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।रुक्मिणी विहार रोड़ (निकट केशव धाम) स्थित भागवत पीठ आश्रम में सत्य सनातन सेवार्थ संस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट,वृन्दावन के द्वारा श्रावण मास के पावन उपलक्ष्य में सप्तदिवसीय 27वां श्रावण झूलन महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारंभ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ बुर्जा रोड़ से कथा स्थल तक गाजे-बाजे के मध्य निकाली गई भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ।तत्पश्चात् व्यास पीठ पर आसीन विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता एवं आचार्य/भागवत पीठाधीश्वर वैष्णवाचार्य मारुति नंदनाचार्य “वागीशजी” महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा सभी भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण के महात्म्य की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का शब्द स्वरूप ग्रंथ श्रीमद्भागवत महापुराण साक्षात कल्पवृक्ष के समान है।इसका आश्रय लेने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।साथ ही उनके सभी पापों का क्षय हो जाता है।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत में समस्त धर्म ग्रंथों का समावेश है।क्योंकि महर्षि वेदव्यासजी महाराज ने सभी ग्रंथों की रचना करने के बाद श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना की थी।इसीलिए इसे पंचम वेद माना गया है।वस्तुत: मनुष्य की मोक्ष प्राप्ति का यदि कोई सर्वोत्तम मार्ग है, तो वो श्रीमद्भागवत महापुराण है।
महोत्सव के अंतर्गत सायं काल श्रीहनुमंत आराधन मंडल के द्वारा संगीतमय सुंदरकांड का सामूहिक पाठ किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, श्रीराम कथा मर्मज्ञ अशोक व्यास, डॉ. रामदत्त मिश्र, पण्डित श्याम सुंदर ब्रजवासी, रासाचार्य स्वामी रामशरण शर्मा, युवराज श्रीधराचार्य महाराज, भागवताचार्य विमल कृष्ण पाठक, डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य भरत शास्त्री, संगीताचार्य धर्मवीर महाराज, अरुण बंसल (हिमाचल प्रदेश) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।





















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