(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।यमुना पार स्थित देवरहा बाबा समाधि स्थल पर ब्रह्मर्षि योगी सम्राट देवरहा बाबा का ग्यारह दिवसीय 34 वां योगिनी एकादशी वार्षिक पुण्यतिथि महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम से विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ।जिसके अंतर्गत ब्रह्मलीन देवरहा बाबा महाराज की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कर वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए देवरहा बाबा समाधि स्थल आश्रम के अध्यक्ष योगीराज देवदास महाराज (बड़े सरकार) कहा कि हमारे सदगुरुदेव देवरहा बाबा महाराज युगपुरुष थे।देश व समाज के लिए उनके एक नही अपितु अनेकों कीर्तिमान हैं।पृथ्वी पर उनका अवतरण प्रभु भक्ति का प्रचार-प्रसार एवं लोककल्याण के लिए हुआ था।
श्रीराधा उपासना कुंज के महंत संतदास महाराज एवं
ब्रज अकादमी की सचिव साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया ने कहा कि योगी सम्राट देवरहा बाबा महाराज परम् सिद्ध व अत्यंत चमत्कारी संत थे।इसीलिए उनके दर्शन के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का तांता लगा रहता था।
प्रख्यात भजन गायक नंदू भैया एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि योगी सम्राट देवरहा बाबा महाराज ने अपनी दिव्य व अलौकिक शक्तियों से प्रकृति तक पर विजय प्राप्त की हुई थी।
महंत स्वामी रामकेवल दास महाराज एवं महोत्सव के व्यवस्थापक महंत शिवदत्त प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि ब्रह्मर्षि देवरहा बाबा महाराज को ब्रजवासी कृष्ण भक्त अत्यधिक प्रिय थे।वे सदैव प्रत्येक ब्रजवासी में भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन करते थे।
महोत्सव में चिंतामणि कुंज के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज, मोरकुटी के अध्यक्ष महामंडलेश्वर परमेश्वर दास त्यागी महाराज, श्रीराम मंदिर के महंत रामदेव चतुर्वेदी, महंत रमणरेती दास महाराज, डॉ. रमेश चंद्राचार्य महाराज विधिशास्त्री, महंत लाड़िली दास महाराज, भागवताचार्य आशानंद शास्त्री, स्वामी गंगानंद
महाराज (कोतवाल), आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर महामंडलेश्वरों, श्रीमहंतों, महंतों और विद्वानों आदि का सम्मान किया गया।साथ ही संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा में वृहद भंडारा भी आयोजित हुआ।जिसमें असंख्य व्यक्तियों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।इससे पूर्व सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा, भजन संध्या, विश्व कल्याणार्थ यज्ञ एवं ठाकुर श्रीबांके बिहारी मंदिर में भव्य फूल बंगला आदि के कार्यक्रम भी संपन्न हुए।
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