(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित श्रीभागवत निवास में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से भागवताचार्य जयंती नन्दन शरण मयूर कृष्ण महाराज (प्रभुजी) ने अपनी सुमधुर वाणी में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को नाम जप की महिमा बताते हुए कहा कि कलयुग में नाम जप का अत्यधिक महत्व है।इस कलिकाल में बिना कठोर तप के भी केवल नाम जप के द्वारा हमें निश्चित ही भगवत प्राप्ति हो सकती हैं।इसलिए हमें हर घड़ी भगवान के नाम का जप करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में नई पीढ़ी के बच्चों में धर्म के प्रति निष्ठा कम हो रही है,तो वहीं उनमें पाश्चात्य संस्कृति का आकर्षण बढ़ता जा रहा है।इसके लिए हम सभी का कर्तव्य है, कि माता-पिता अपने बच्चों को बाल्यकाल से ही वैदिक सनातन संस्कृति का ज्ञान और संस्कार दें।तभी वे अपने धर्म को जानेंगे और हमारे देश से पाश्चात्य संस्कृति का पूर्ण बहिष्कार होगा।क्योंकि बाल भक्त ध्रुव और प्रहलाद को बाल्यकाल में ही देवर्षि नारद मुनि के रूप में दिव्य सत्संग प्राप्त हुआ।उन्ही की कृपा से बाल भक्त ध्रुव और प्रहलाद को बाल्यावस्था में ही भगवान नारायण की प्राप्ति हुई।
महोत्सव में आचार्य विपिन बापू महाराज, भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी, डॉ. सतेन्द्र जोशी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, कथा के यजमान मुख्य यजमान पंकज बिंद्रा, मीनाक्षी बिंद्रा, रोहिन बिंद्रा, कांता – सुभाष बंसल, ब्रजबाला – लाजपत राय बंसल, जितेन्द्र अग्रवाल, उर्मिल-उमेश बंसल ,आशा-आनंद किशोर अग्रवाल, अमित, नीलांजनी, शोभा मित्तल, गुंजन अग्रवाल,गोपिका शर्मा, पुष्कर अग्रवाल, रामानुज शर्मा, संत जुगल दास महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, नयन कृष्ण आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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