(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।हरिवंश नगर स्थित आनंद भवन आश्रम में ब्रह्मलीन माता आनंद सरस्वती महाराज का अष्ट-दिवसीय द्वितीय पुण्यतिथि महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।महोत्सव के समापन पर संतों-भक्तों के द्वारा ब्रह्मलीन माता साध्वी आनंद सरस्वती महाराज की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।तत्पश्चात् आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ।जिसकी अध्यक्षता करते हुए चतु:संप्रदाय के श्रीमहंत बाबा फूलडोल बिहारीदास महाराज एवं महामंडलेश्वर स्वामी भक्तानन्द हरि साक्षी महाराज ने कहा कि माता आनंद सरस्वती ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद महाराज की परम्परा की अत्यंत विद्वान संत थीं।वह दशनामी सन्यासी सरस्वती सम्प्रदाय से दीक्षित थीं।
अखिल भारतीय संत समिति(दिल्ली) के प्रदेश अध्यक्ष महंत अमनदीप सिंह महाराज एवं आनंद भवन आश्रम के महंत स्वामी ब्रजानंद सरस्वती महाराज ने कहा की हमारी सद्गुरुदेव माता साध्वी आनंद सरस्वती श्रीमद्भागवत व श्रीराम चरित्र मानस की प्रकांड विद्वान थीं।उन्हें कई धर्म ग्रंथ कंठस्थ थे,जिनका वह दैनिक प्रवचन किया करती थीं। उनके न रहने से धर्म व अध्यात्म जगत की अपूर्णनीय क्षति हुई है, उसकी भरपाई करपाना असंभव है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गोपाल चतुर्वेदी एवं डॉ. राधाकांत शर्मा ने कहा कि ब्रह्मलीन माता आनंद सरस्वती धर्म व अध्यात्म के अलावा समाजसेवा के क्षेत्र में भी अग्रणीय थीं।निर्धनों, निराश्रितों, अपहिजों व विधवाओं आदि की उन्होंने अत्यधिक मदद की। उनके द्वारा स्थापित वृद्धाश्रम व गौशाला आदि समाजसेवा के क्षेत्र में निरन्तर कार्य कर रहे हैं।
पूर्व विधायक (सादाबाद) पंडित हुकम चंद्र तिवारी एवं प्रमुख समाजसेवी तुलसीराम शर्मा ने कहा कि साध्वी माता आनंद सरस्वती महाराज सेवा को प्रतिमूर्ति थीं।वे नर सेवा को नारायण सेवा मानती थीं।उन जैसी पुण्यात्माओं से ही पृथ्वी पर धर्म और अध्यात्म का अस्तित्व है।
इससे पूर्व निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज (हरिद्वार), आचार्य महामंडलेश्वर व उन्नाव के सांसद स्वामी डॉ. सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज एवं आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अनंतदेव गिरि महाराज आदि के संदेश पढ़कर सुनाए गए।
संत-विद्वत सम्मेलन में श्रीराधा उपासना कुंज के महंत बाबा संतदास महाराज व ब्रज अकादमी की सचिव साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया, महंत प्रीतम दास महाराज, भाजपा नेत्री श्रीमती सुजैन आनंद, कोतवाल गंगानंद महाराज, आचार्य अखिलेश शास्त्री, स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद महाराज, बाबूलाल प्रधान, पुरुषोत्तम सच्चर “मनुजी” (कैनेडा), शिवकुमार चौहान (दिल्ली), शिवशंकर तिवारी(काशीपुर), भूपेश प्रधान (अलीगढ़), राधश्याम शर्मा, अमित दीक्षित, नितिन शास्त्री, राकेश शर्मा, महेश गौतम आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉ. रामदत्त मिश्र ने किया।
महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।जिसमें हजारों व्यक्तियों ने प्रसाद ग्रहण किया।
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