कार्यक्रम

पृथ्वी पर अवतरित होकर पाप और अधर्म का नाश करते हैं भगवान : आचार्य रामविलास चतुर्वेदी

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।छटीकरा रोड स्थित श्रीचिंतामणि कुंज में सनातन संस्कार सेवा संस्थान के द्वारा महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानन्द महाराज के पावन सानिध्य में चल रहे अष्ट दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से विश्वविख्यात भागवत भूषण आचार्य रामविलास चतुर्वेदी महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को गजेंद्र उपाध्याय का अद्भुत वर्णन करते हुए कहा कि जीव जब देहाभिमान के कारण भगवान को भूल जाता है, तब वह संसार के दलदल में फसता है और जब वह भगवान को याद करता है, तब भगवान उसे इस संसार की माया के दलदल से निवृत करके मुक्ति प्रदान करते हैं। समुद्र मंथन भी व्यक्ति के मन का मंथन है।व्यक्ति के अंदर विषय रूपी क्रोध अभिमान जब निवृत हो जाते हैं, तब भगवान अमृत रूपी आनंद प्रदान करते हैं।बलि वामन के प्रसंग के माध्यम से समाज को सुंदर शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए कि जीव जब भागवत शरणापन्न हो जाता है, तभी भगवान उसे अपना सानिध्य प्रदान करते हैं।
पूज्य महाराजश्री ने राम अवतार एवं कृष्ण जन्मोत्सव की अद्भुत कथा श्रवण कराते हुए कहा कि पृथ्वी पर जब-जब पाप और अधर्म बढ़ने लगता है तथा धर्म की हानि होती है, तब-तब अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमेश्वर भगवान नारायण किसी न किसी रूप में पृथ्वी पर अवतरित होकर पाप और अधर्म का नाश करते हैं।साथ ही धर्म की पुनः स्थापना करके भक्तों के सभी संकटों को हर लेते हैं।
महोत्सव में पधारे महामंडलेश्वर विजयदास भैयाजी महाराज एवं स्वामी वेदानंद महाराज ने कहा कि आचार्य रामविलास चतुर्वेदी समस्त धर्म ग्रंथों के प्रकाण्ड विद्वान एवं सरस प्रवक्ता हैं।वे अपनी विद्वत पूर्ण वाणी के द्वारा यह भागवत का आनंद भक्तों को प्रदान करके सभी का कल्याण कर रहे हैं।
महंत महान स्वामी डॉक्टर आदित्यानंद गिरि महाराज एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि होली पर भागवत का एक अद्भुत आनंद है। जब भक्त कथा सुनकर के भगवान के प्रेम में डूब जाते हैं, तभी उनके जीवन में असली भक्ति रूपी रंग चढ़ता है।
महोत्सव में बीजेपी सांसद एवं प्रख्यात अभिनेत्री हेमा मालिनी, सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा, संत बालक दास महाराज, संत अभयदास महाराज,आयोजन के मुख्य यजमान आरडी साहू, निर्मला साहू, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, पंडित रामजी शास्त्री, जितेंद्र शास्त्री, गुलशन चतुर्वेदी, सुनील शास्त्री, रवि शास्त्री, नरेंद्र शास्त्री आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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