कार्यक्रम

परब्रह्म परमात्मा की प्राप्ति करना ही जीव का लक्ष्य होना चाहिए : आचार्य रामविलास चतुर्वेदी

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।छटीकरा रोड स्थित श्रीचिंतामणि कुंज में सनातन संस्कार सेवा संस्थान के द्वारा महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानन्द महाराज के पावन सानिध्य में अष्ट दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से विश्वविख्यात भागवत भूषण आचार्य रामविलास चतुर्वेदी महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को प्रभु भक्ति की महिमा बताते हुए कहा कि अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमात्मा की प्राप्ति करना ही जीव का लक्ष्य होना चाहिए।इसके लिए हमारे ऋषियों-मुनियों ने अनेकों साधन बताये हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में नौ प्रकार की भक्ति का वर्णन किया है।जिन्हें नवधा भक्ति भी कहा जाता है। जो हैं – श्रवण, कीर्तन, स्मरण, चरण सेवा (पाद सेवन), अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य एवं आत्म निवेदन। इन नौ भक्तियों के द्वारा भक्त परमात्मा को प्राप्त कर लेता है।लेकिन गोपियों द्वारा उद्धवजी को बताई गई प्रेमा भक्ति ही संसार में भगवत प्राप्ति का सर्वश्रेष्ठ साधन है।जिसके द्वारा भक्त को शीघ्र ही प्रभु की प्राप्ति हो जाती है।
उन्होंने कहा कि हमें अपने आराध्य के प्रति दृढ़ विश्वास और अटूट श्रद्धा रखनी चाहिए।तभी हम प्रभु की साधना करके उनको प्राप्त कर सकते हैं।व्यक्ति के हृदय में श्रद्धा और विश्वास की कमी ही भगवद साधना में रुकावट उत्पन्न करती है।इसके लिए संत समागम और हरिकथा ही सर्वोत्तम उपाय है।
महोत्सव में आयोजन के मुख्य यजमान आरडी साहू, निर्मला साहू, ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वसिष्ठ, ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, आचार्य बद्रीश महाराज, सौरभ गौड़, एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, पंडित रामजी शास्त्री, जितेंद्र शास्त्री, गुलशन चतुर्वेदी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

About the author

Rekha Singh

Add Comment

Click here to post a comment

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0110429
This Month : 5750
This Year : 47722

Follow Me