कार्यक्रम

नवदिवसीय निकुंज अष्टयाम दर्शन एवं अष्टयाम चर्चा महोत्सव में हुआ स्नान श्रृंगार याम दर्शन लीला का मंचन

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।पानीघाट क्षेत्र स्थित श्रीमलूक पीठ गौशाला के सत्संग लीला मंडपम् में निकुंज लीला प्रविष्ट रासाचार्य स्वामी श्रीराम शर्मा की पावन स्मृति में नवदिवसीय निकुंज अष्टयाम दर्शन एवं अष्टयाम चर्चा महोत्सव जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीमलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य महाराज की अध्यक्षता में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ चल रहा है।
महोत्सव के अंतर्गत प्रातःकाल 7 बजे श्रीनिकुंज बिहारी रासलीला मंडल,वृन्दावन के द्वारा रासाचार्य स्वामी कुंजबिहारी शर्मा के निर्देशन में स्नान श्रृंगार याम दर्शन लीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।जिसके अंतर्गत लीला में भगवान श्रीकृष्ण और रस साम्राज्ञी श्रीराधा रानी के प्रातःकाल किए जाने वाले स्नान और उनके श्रृंगार की लीला दर्शन कराया गया।
सायं को मलूकपीठाधीश्वर द्वाराचार्य स्वामी राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज के द्वारा अष्टयाम चर्चा की गई।जिसमें उन्होंने अष्टयाम की विस्तृत व्याख्या करते हुए उसके महत्व का वर्णन कर सभी को भाव-विभोर कर दिया।
महोत्सव में श्रीगोरीलाल कुंज के महंत स्वामी किशोरदास देव जू महाराज, संत जयकिशोर शरण, रसिक माधव दास, कन्हैया बाबा(गोवर्धन), संत बाबा अलवेली शरण, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, गिरधर गोपाल भक्तमाली महाराज, संगीताचार्य मनमोहन शर्मा, गौरव शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, आनंद शुक्ला,संत जयकिशोर शरण, प्रेम बिहारी खरे, आचार्य बृजेश कुमार पयासी, विजया मूले, डॉ. चंद्रेश गुप्ता, भागवताचार्य रामनिवास शुक्ला,शशि कला मुले, रमेश चंद्र सराफ, विद्याधर दास, वृंदावन दास, पूर्व प्राचार्य शिवकुमार गोयल, जयप्रिया शरण (जानकी दास) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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