कार्यक्रम

श्रीमद्भगवद्गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करे भारत सरकार : महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।रतनछत्री क्षेत्र स्थित गीता विज्ञान कुटीर में वेदान्त उपदेशक, श्रीमद्भगवदगीता के प्रकांड विद्वान, वयोवृद्ध संत महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज (हरिद्वार) को नगर की कई प्रमुख समाजसेवी संस्थाओं ब्रज सेवा संस्थान, ब्रजभूमि कल्याण परिषद, ब्रज साहित्य सेवा मंडल, ब्रज जन सेवा समिति एवं मुक्तानंद चित्र वीथि के संयुक्त तत्वावधान में उनके द्वारा देश-विदेश में की गई धार्मिक व आध्यात्मिक सेवाओं के लिए उनका सम्मान किया गया।यह सम्मान उन्हें ब्रज भूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व श्रीमुक्तानंद चित्र वीथि के संचालक चित्रकार द्वारिका आनंद व ब्रज जन सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. राधाकांत शर्मा ने प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह,अंगवस्त्र व ठाकुरजी का पटुका प्रसादी माला आदि भेंट कर किया।
महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता ग्रंथ का जन्म भगवान श्रीकृष्ण के मुख से हुआ है।इसमें जीवन की प्रत्येक समस्या का उचित समाधान है।आज के भौतिक व यात्रिक युग में यदि हम लोग इस ग्रंथ को अपने जीवन में धारण कर लें तो हमारे देश व समाज की अनेक बुराइयों की समाप्ति हो सकती है।हमारी भारत सरकार से यह मांग है कि वो श्रीमद्भगवद्गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करे।साथ ही इस ग्रंथ को समूचे देश के विभिन्न विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।जिससे नई पीढ़ी संस्कारवान बन सके।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व ब्रज भूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज के धर्म व अध्यात्म जगत में अनेकों कीर्तिमान हैं।उन्होंने श्रीकृष्ण भक्ति की लहर को समूचे विश्व में प्रवाहित कर असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया है और कर रहे हैं।
प्रख्यात चित्रकार द्वारिका आनंद व ब्रज जन सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. राधाकांत शर्मा ने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज श्रीमद्भगवदगीता के माध्यम से सनातन धर्म का जो प्रचार प्रसार कर रहे हैं वो अति प्रशंसनीय है।उनके द्वारा देश विदेश में जो अनेक गीता अध्ययन केंद्र स्थापित किए गए हैं, उनसे असंख्य व्यक्ति लाभान्वित हो रहे हैं।
इस अवसर पर स्वामी लोकेशानंद महाराज, हरिकेश ब्रह्मचारी, पण्डित मुनीराम योगी, श्यामवीर, उदय नारायण कुलश्रेष्ठ आदि की उपस्थिति विशेष रही।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0146920
This Month : 5709
This Year : 84213

Follow Me