कार्यक्रम

ठाकुर श्रीराधावल्लभीय संप्रदाय एवं निकुंज रस के परम उपासक थे बाबा गोपाल दास लघुसखी महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।गोविन्द घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा (श्रीहित रासमंडल) में चल रहे प्रख्यात राधावल्लभीय संत बाबा गोपाल दास महाराज “लघुसखी” के पंच दिवसीय स्मृति महोत्सव के अंतर्गत संतों एवं भक्तों के द्वारा पूज्य बाबा महाराज का पावन स्मरण किया गया।साथ ही उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज ने कहा कि संतप्रवर बाबा गोपाल दास “लघुसखी” महाराज ठाकुर श्रीराधावल्लभीय संप्रदाय एवं निकुंज रस के परम उपासक थे।
चतु: संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज व महन्त दंपत्ति शरण महाराज (काकाजी) ने कहा कि बाबा गोपालदास “लघुसखी” महाराज प्रख्यात संत स्वामी मुकुंद हरि महाराज के परम कृपा पात्र शिष्य थे।उन्हीं की सद्प्रेरणा से वे निधिवन एवं सेवाकुंज आदि प्राचीन दिव्य स्थलों पर सोहनी सेवा किया करते थे।
बाबा महाराज के परम कृपा पात्र महन्त सुन्दरी शरण महाराज (सोनू भैया) एवं पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव बाबा गोपालदास “लघुसखी” महाराज ने कई ग्रंथ एवं वाणियों की रचना की।जिनमें निकुंज रस वल्लरी, राधा चालीसा, मुकुंद हरि चालीसा, सेवाकुंज चालीसा, बरसाना चालीसा, श्यामा रस पदावली, राधिका सुमनावली, रसिक रस पदावली (दो- भाग), रसिक रस सागर (चार भाग), मुकुंद हरि चित्रावली, हरिगोपाल भजनावली, श्याम रस पदावली, मुकुंद हरि स्मृति संकीर्तन सागर, नाम रस मीठा रे एवं राधा संकीर्तन माधुरी आदि प्रमुख हैं l
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं भागवताचार्य रामप्रकाश भारद्वाज “मधुर” ने कहा कि संत प्रवर बाबा महाराज स्वयं को श्रीराधा रानी की सबसे छोटी सखी मानते थे।इसीलिए उन्होने अपना नाम लघुसखी रख लिया।वे श्रीराधा रानी के इतने बड़े भक्त थे, कि उन्होंने ब्रज से बाहर न जाने का संकल्प कर लिया था।
इसके अलावा व्यासपीठ से प्रख्यात संत जगद्गुरु द्वाराचार्य मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भक्तमाल की कथा का श्रवण कराया
इससे पूर्व प्रख्यात रासाचार्य स्वामी देवेन्द्र वशिष्ठ महाराज की रासमंडली के द्वारा दिव्य व भव्य रासलीला का अत्यन्त नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।
इस अवसर पर श्रीमती सुषमा शर्मा (रोपड), प्रवीण कुमार मेहता, मोना मेहता, ध्रुव भगत, रेखा भगत, अर्पिता, महंत रसिक माधव दास महाराज, राधावल्लभ वशिष्ठ, डॉ. राधाकांत शर्मा, प्रियाशरण वशिष्ठ, इन्द्र कुमार शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0146913
This Month : 5702
This Year : 84206

Follow Me