कार्यक्रम

प्रख्यात वाणीकार एवं रससिद्ध संत थे श्रीहित परमानंद दास महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।छीपी गली स्थित ठाकुर श्रीप्रियाबल्लभ कुंज में श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा आचार्य विष्णुमोहन नागार्च के पावन सानिध्य में चल रहा श्रीराधा जन्म महोत्सव विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ।इसके साथ ही श्रीहित वाणी पाठ, श्रीमद्भागवत कथा एवं दिव्य रासलीला आदि कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए।
महोत्सव के समापन के अवसर पर सर्वप्रथम प्रातः 4 बजे दाई बधाई गायन व ठाकुर श्रीप्रिया वल्लभ लाल महाराज का महाभिषेक एवं श्रीजी के जन्म की मंगला आरती हुई।इसके अलावा प्रातः 9 बजे श्रृंगार आरती व दाधिकांदा हुआ।
तत्पश्चात “हित परमानंदजी की वाणियों का विश्लेषण” विषय पर संत-विद्वत सम्मेलन आयोजित हुआ।जिसमें अपने विचार व्यक्त करते हुए शास्त्रार्थ महारथी पण्डित पुरुषोत्तम शरण शास्त्री एवं पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीहित परमानंद दास महाराज श्रीराधा
वल्लभ संप्रदाय के अनन्य उपासक थे।उन्होंने अपने द्वारा रचित वाणियों में श्रीराधा कृष्ण की निकुंज लीलाओं का जो विस्तार से वर्णन किया है, वो अद्भुत व अनूठा है।
महोत्सव के समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व महंत किशोरी शरण महाराज (मुखिया) ने कहा कि प्रख्यात वाणीकार श्रीहित परमानंद दास महाराज 18 वीं शताब्दी के रससिद्ध संत थे।उनके द्वारा रचित वाणियों का श्रीहित परमानंद शोध संस्थान के द्वारा जो विश्लेषण का कार्य किया जा रहा है, वो अति प्रशंसनीय है।
प्रमुख शिक्षाविद डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा व पण्डित रामगोपाल शास्त्री ने कहा कि ठाकुर श्रीप्रियाबल्लभ श्रीधाम वृन्दावन का एक प्राचीन मंदिर है।यहां श्रीराधा जन्म महामहोत्सव आयोजित करने की परम्परा मन्दिर के अधिष्ठाता श्रीहित परमानन्द महाराज ने 18 वीं शताब्दी में प्रारम्भ की थी।तभी से ये महोत्सव यहां आयोजित होता चला आ रहा है।
महोत्सव के अन्तर्गत ब्रज संस्कृति के शोधकर्ता व शिक्षाविद डॉ. उमेश चंद्र शर्मा को “हित परमानंद सम्मान2023”, प्रख्यात सितार वादक ऋतु तिवारी (आगरा) को “हित निधि सम्मान 2023” हरि राधाचरण दास (इंग्लैंड) को “वाणी मधुकर सम्मान”, श्रीराधा वल्लभ संप्रदायाचार्य आचार्य अनिल गोस्वामी को “समाजसेवा सम्मान” से अलंकृत किया गया।
इस अवसर पर भागवताचर्य श्रीहित ललित वल्लभ नागार्च, पूर्व पार्षद एवं प्रियावल्लभ लाल के अंगसेवी रसिक वल्लभ नागार्च, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, कमल अग्रवाल, श्रीमती कमला नागार्च, युगल किशोर शर्मा, तरुण मिश्रा, भरत मिश्रा, हितानंद, रसानंद, हितबल्लभ नागार्च आदि की उपस्थिति विशेष रही।संचालन डॉ. चंद्र प्रकाश शर्मा ने किया।
महोत्सव में पधारे सभी आगंतुक अतिथियों का श्रीहित राधा कृष्ण सेवा कुंज पर्थ ऑस्ट्रेलिया की संचालिका श्रीहित कल्याणी रंगदेवी प्रियासखी (आस्ट्रेलिया) ने ठाकुरजी का पटुका ओढ़ाकर एवं प्रसादी, माला आदि भेंट कर सम्मान किया।

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