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कल्पवृक्ष है श्रीमद्भागवत महापुराण : आचार्य मृदुल कृष्ण गोस्वामी महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ श्रीनाभापीठाधीश्वर जगदगुरू स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीमद्भागवत ग्रंथ व व्यासपीठ का पूजन-अर्चन करके किया।इससे पूर्व श्रीहनुमान टेकरी आश्रम से कथा स्थल तक गाजे-बाजे के मध्य भव्य शोभायात्रा निकाली गई।जिसमें देश-विदेश के अनेकों भक्त-श्रद्धालु श्रीराधा कृष्ण की महिमा से ओतप्रोत भजनों पर नाचते-झूमते हुए साथ चल रहे थे।
व्यासपीठ से श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की महिमा श्रवण कराते हुए कहा कि संसार ने श्रीमद्भागवत महापुराण ही एक ऐसा ग्रंथ है, जो कल्पवृक्ष के समान है।इसका आश्रय लेने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।साथ ही उनके सभी पापों का क्षय हो जाता है
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत में समस्त धर्म ग्रंथों का समावेश है।क्योंकि महर्षि वेदव्यासजी महाराज ने सभी ग्रंथों की रचना करने के बाद श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना की थी।इसीलिए इसे पंचम वेद माना गया है।
इस अवसर पर महोत्सव की मुख्य यजमान श्रीमती अनुभी गोयल व शिवन्या चंद्र गोयल (नोएडा), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पंडित उमाशंकर महाराज, आचार्य किशोर कुमार शर्मा, आचार्य राजा पंडित, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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