कार्यक्रम

मानव जीवन में भगवद चिंतन परम् आवश्यक : रामप्रकाश भारद्वाज महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।गोविन्द घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा (श्रीहित रासमण्डल) में श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज के पावन सानिध्य में सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को भगवद भक्ति की महिमा बताते हुए
प्रख्यात भागवताचार्य रामप्रकाश भारद्वाज महाराज ने कहा कि मानव जीवन में भगवद चिंतन परम आवश्यक है।नाम जप के बाद में अगली सीढी चिंतन ही है।जब भगवान श्रीकृष्ण ने उद्धव को उपदेश देते हुए कहा कि जो व्यक्ति मेरे साथ संबंध जोड़ कर भक्ति करेगा और मुझे पूर्णत: मानेगा, तभी उसकी भक्ति पुष्ट होगी और मेरी प्राप्ति भी अवश्य ही होगी।पद्म पुराण के अनुसार भगवान शंकर ने नारदजी को बताया कि जो भी मनुष्य भगवान श्रीकृष्ण की आत्मा स्वरूपा श्रीराधा रानी के चरणों में समर्पित हो जाता है उसको भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति निश्चित ही जाती हैं।
भागवताचार्य रामप्रकाश भारद्वाज महाराज ने कहा कि भक्ति ब्रजगोपियों के जैसी करनी चाहिए, तभी भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति संभव है।ब्रजगोपियों की भक्ति का भावपूर्ण वर्णन करते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के बार बार आग्रह करने पर भी उन्होंने उनसे कुछ नहीं मांगा।वल्कि स्वयं भगवान को ही मांगा।जीव के हृदय में यदि भक्ति का वास है, तो जीवन में भगवान की प्राप्ति अवश्य होगी।लेकिन वह भक्ति सरल भाव से करनी चाहिए।
इस अवसर पर आयोजन के मुख्य यजमान ब्रजेश तिवारी – श्रीमती दीपिका तिवारी (यू. एस.), महंत दंपति शरण महाराज (काकाजी), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, रासाचार्य देवेंद्र वशिष्ठ, राधावल्लभ वशिष्ठ, इंद्र शर्मा, प्रियाशरण शर्मा, ठाकुर दिनेश सिंह तरकर, लालू शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।

About the author

Rekha Singh

Add Comment

Click here to post a comment

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0111468
This Month : 6789
This Year : 48761

Follow Me