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श्रीमद् भागवत में निहित है सभी धर्म ग्रंथों का सार : आचार्य मृदुल कृष्ण गोस्वामी महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में द भागवत मिशन फाउंडेशन के द्वारा अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं गुरु पूर्णिमा महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।
महोत्सव का शुभारंभ अखंडानंद आश्रम के संत प्रवर स्वामी महेशानंद सरस्वती महाराज ने ठाकुरजी के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं आरती उतारकर किया।साथ ही उन्होंने कहा कि भागवत मिशन समूचे विश्व में श्रीकृष्ण भक्ति का प्रचार – प्रसार एवं लोक कल्याण के जो अनेकानेक कार्य कर रहा है,वह अति प्रशंसनीय है।
श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में विश्वविख्यात भागवताचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी से भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की महिमा बताते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत भगवान श्रीकृष्ण का वांग्मय स्वरूप है।इसका श्रवण करने से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है।इसके श्रवण से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।साथ ही उसके जन्म व मृत्यु के भय का भी नाश हो जाता है।जीव के कल्याण के लिए यदि सबसे उत्तम ग्रंथ है,तो वह श्रीमद्भागवत महापुराण है।
भागवत रत्न आचार्य मृदुल कृष्ण गोस्वामी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण में समस्त वेदों, पुराणों, उप पुराणों, शास्त्रों व उपनिषदों आदि धर्मग्रंथों का सार निहित है।इसका श्रवण,वाचन व अध्ययन तीनों ही कल्याणकारी हैं।साथ ही श्रीधाम वृन्दावन जैसी पावन भूमि में इसका श्रवण करना शतगुणा अधिक फलदाई व पुण्यदाई होता है।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, आचार्य किशोर कुमार शर्मा, आचार्य राजा पंडित, डॉ. राधाकांत शर्मा,अमित पाठक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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Rekha Singh

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