कार्यक्रम

प्रभु सत्ता के मूर्तिमान स्वरूप थे ब्रह्मर्षि देवराह बाबा महाराज : योगीराज देवदास महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।यमुना पार स्थित देवराह बाबा समाधि स्थल पर चल रहे ब्रह्मर्षि योगी सम्राट देवराह बाबा के त्रिदिवसीय 33 वें योगिनी एकादशी वार्षिक पुण्यतिथि महोत्सव के समापन के अवसर पर सभी भक्तों व श्रृद्धालुओं ने बाबा महाराज के चित्रपट के समक्ष अपनी पुष्पांजलि अर्पित की।तत्पश्चात संत-ब्रजवासी-वैष्णव सेवा व वृहद भंडारा हुआ।जिसमें हजारों व्यक्तियों को प्रसाद ग्रहण कराकर दक्षिणा वितरित की गई।
इस अवसर पर भक्तों-श्रृद्धालुओं को अपने आशीर्वचन देते हुए योगीराज देवदास महाराज (बड़े सरकार) ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव योगीराज देवराह बाबा महाराज अनेकानेक सद्गुणों की खान थे।हम लोग यदि उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण कर लें, तो हमारा कल्याण हो सकता है।बाबा महाराज ने अपने कठोर तप व साधना की शक्ति से असंख्य व्यक्तियों का कल्याण कर उन्हें प्रभु भक्ति व धर्म के मार्ग से जोड़ा।वे गौसेवा, संत सेवा, विप्र सेवा एवं निर्धन-निराश्रित सेवा आदि के लिए पूर्ण समर्पित थे।उन जैसी पुण्यात्माओं का अब युग ही समाप्त हो गया है।
योगीराज देवदास महाराज (बड़े सरकार)ने कहा कि पूज्य बाबा महाराजप्रभु सत्ता के मूर्तिमान स्वरूप थे।उनके रोम-रोम में संतत्व विद्यमान था।वे अत्यंत सहज, सरल, उदार व परोपकारी थे।महाराजश्री नर सेवा को ही नारायण सेवा मानते थे।वे जीवनभर बिना किसी की सहायता के स्वयं ही निश्वार्थ भाव से मानवता की सेवा के लिए समर्पित थे।उन्होंने सनातन धर्म व प्रभु भक्ति की लहर को समूचे देश में प्रवाहित किया।महाराजश्री का शरीर भले ही शांत हो गया है।परंतु उनके परमाणु आज भी इस आश्रम में विद्यमान हैं और असंख्य व्यक्तियों का कल्याण कर रहे हैं।
महोत्सव में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष शैलजाकांत मिश्रा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रख्यात भजन गायक नंदू भैया, महंत शिवदत्त प्रपन्नाचार्य, डॉ. राधाकांत शर्मा के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0107574
This Month : 2895
This Year : 44867

Follow Me