कार्यक्रम

श्रीमद्भागवत में निहित है सभी धर्म ग्रंथों का सार : आचार्य ललित वल्लभ नागार्च

वृन्दावन। गोविंद घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा (श्रीहित रासमंडल) में श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज के पावन सानिध्य में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की महिमा बताते हुए प्रख्यात भागवताचार्य श्रीहित ललित वल्लभ नागार्च महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत भगवान श्रीकृष्ण का वांग्मय स्वरूप है।इसका श्रवण करने से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है।इसके श्रवण से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।साथ ही उसके जन्म व मृत्यु के भय का भी नाश हो जाता है।जीव के कल्याण के लिए यदि सबसे उत्तम ग्रंथ है,तो वह श्रीमद्भागवत महापुराण है।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण में समस्त वेदों, पुराणों, उप पुराणों, शास्त्रों व उपनिषदों आदि धर्मग्रंथों का सार निहित है।इसका श्रवण,वाचन व अध्ययन तीनों ही कल्याणकारी हैं।साथ ही श्रीधाम वृन्दावन जैसी पावन भूमि में इसका श्रवण करना शतगुणा अधिक फलदाई व पुण्यदाई होता है।
इस अवसर पर ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, महंत दंपति किशोर महाराज (काकाजी), आचार्य विष्णुमोहन नागार्च, पार्षद रसिक वल्लभ नागार्च, डॉ. राधाकांत शर्मा,देवेंद्र वशिष्ठ, प्रियाशरण शर्मा, ठाकुर दिनेश सिंह तरकर एवं हितवल्लभ नागार्च आदि की उपस्थिति विशेष रही।
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी

About the author

Rekha Singh

Add Comment

Click here to post a comment

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0111609
This Month : 6930
This Year : 48902

Follow Me