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रसिक धाम में धूमधाम से संपन्न हुआ श्रीनरहरि देव जू महाराज का प्राकट्य महोत्सव

वृन्दावन। चामुंडा कॉलोनी स्थित भजन सम्राट बाबा रसिका पागल महाराज की कुटिया रसिक धाम में श्री हरिदासीय सम्प्रदाय के प्रमुख आचार्य व वाणीकार स्वामी श्रीनरहरि देव जू महाराज का प्राकट्य महोत्सव बड़ी ही धूमधाम व श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया।
महोत्सव के अंतर्गत हरिदासीय सम्प्रदाय के समाज मुखिया
बाबा किशोरी शरण भक्तमाली की मुखियायी में सैकड़ों संतों व भक्तों के द्वारा समाज व बधाई गायन किया गया।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत संगोष्ठी में भजन सम्राट बाबा रसिका पागल महाराज के उत्तराधिकारी बाबा मोहिनी शरण महाराज ने कहा कि श्रीहरिदासीय सम्प्रदाय के आचार्य स्वामी श्रीनरहरि देव जू महाराज परम भजनानंदी व ब्रज रसोपासक संत थे। श्रीधाम वृंदावन व यमुना महारानी के प्रति उनकी अपार निष्ठा थी।वह स्वभाव से अत्यंत सरल व दयालु थे।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि हरिदासीय सम्प्रदाय के महान आचार्य स्वामी श्रीनरहरि देव जू महाराज गौ-सेवी व संत-सेवी थे। उन्हें भगवान जगन्नाथ का अवतार माना जाता है।उन्होंने अपनी परमाराध्या श्रीकिशोरी जू की भक्ति में लीन रहते हुए अनेकों वाणियों व ग्रथों की रचना की। जो कि आज भी हरिदासीय संतों के पास उनकी धरोहरों के रूप में विराजित हैं।
अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन संतों व भक्तों की पावन साधना स्थली रही है।यहां अनेकों ऐसे संत हुए हैं, जिन्होंने यहां घोर भगवत साधना करते हुए प्रभु के साक्षात दर्शन का लाभ लिया है। उन्हीं संतों में से एक श्रीहरिदासीय सम्प्रदाय के प्रमुख आचार्य श्रीनरहरि जू महाराज हैं।यह हम सबका सौभाग्य है, जो हम आज उनका प्राकट्य महोत्सव मना रहे हैं।
संत-विद्वत संगोष्ठी में बाबा ज्ञान दास महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, पंडित ईश्वरचंद्र रावत,बाबा वैष्णव दास महाराज,बाबा मुकुटबिहारी दास महाराज, मृदुलमोहन दास महाराज एवं मुकेश दास आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया
महोत्सव का समापन संत-ब्रजवासी-वैष्णव सेवा (भंडारा) के साथ हुआ।इस अवसर पर अनेकों हरिदासीय संत व भक्त-श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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