(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन। गौशाला नगर स्थित गोलोक धाम आश्रम में गोलोक धाम पीठाधीश्वर स्वामी गोपाल शरण देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भागवत प्रवक्ता डॉ. अशोक शास्त्री महाराज ने देश-विदेश से आए समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं को अपनी मधुर वाणी के द्वारा वामन अवतार, बलि प्रसंग, गंगा अवतरण, श्रीराम जन्म एवं श्रीकृष्ण जन्म की कथा श्रवण कराई।
श्रद्धेय डॉ. अशोक शास्त्री महाराज ने श्रीमद्भागवत की महिमा बताते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण के महात्म्य में भक्ति, ज्ञान तथा वैराग्य की महानता को दर्शाया है। भगवान की समस्त लीलाओं और अवतारों की कथाओं का ज्ञान कराने वाली यह कथा सकाम कर्म, निष्काम कर्म, ज्ञान साधना, सिद्धि साधना, भक्ति, अनुग्रह, मर्यादा, द्वैत-अद्वैत, निर्गुण-सगुण का ज्ञान प्रदान करती है। वस्तुत: श्रीमद्भागवत महापुराण भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का अक्षय भंडार है। इसीलिए इस ग्रंथ के श्रवण करने से मनुष्य के समस्त पापों का क्षय हो जाता है और भगवान की भक्ति सहज में ही प्राप्त होती है।
उन्होंने भगवान के दिव्य स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान ने श्रीकृष्ण के रूप में ब्रज में अवतार लेकर पूरब से लेकर पश्चिम तक धर्म की स्थापना के लिए समस्त राक्षसों का उद्धार कर सभी जीवों को सुख प्रदान किया।
इस अवसर पर आयोजित नंदोत्सव में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से सम्बंधित भजनों व बधाईयों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।साथ ही खेल-खिलौने,रुपए-कपड़े, मेवा-मिष्ठान्न और वस्त्रादि लुटाए गए।
इससे पूर्व यजमान परिवार द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीमद्भागवत महापुराण ग्रंथ एवं व्यासपीठ का पूजन-अर्चन कर उनकी आरती की।
महोत्सव में प्रख्यात साहित्यकार “यूपी रत्न” डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, हरिदासी सन्त रासबिहारी दास महाराज, पण्डित श्यामेश शास्त्री, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।





















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