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अत्यंत उदार,परोपकारी व सेवाभावी हैं आचार्य प्रदीप मणि महाराज : जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य

नवनिर्मित मणिद्वीप भागवत सेवा आश्रम के सप्त दिवसीय उदघाटन समारोह में हुआ संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन। चैतन्य विहार फेस-2 स्थित नवनिर्मित मणिद्वीप भागवत सेवा आश्रम में चल रहे सप्त दिवसीय उद्घाटन समारोह के अंतर्गत शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर वृहद सन्त-विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ।जिसमें अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि शरद पूर्णिमा का पर्व अत्यंत दिव्य है। आज इस पावन पर्व पर “भागवत भक्त” आचार्य प्रदीप मणि महाराज द्वारा संस्थापित मणिद्वीप भागवत सेवा आश्रम का उद्घाटन होना बड़े ही हर्ष का विषय है।
श्रीमज्जगद्गुरु स्वामी जयराम दास महाराज ने कहा कि आचार्य प्रदीप मणि महाराज ने बहुत ही कम आयु में ही श्रीमद्भागवत कथा, श्रीराम कथा एवं अन्य धर्म ग्रंथों के माध्यम से देश ही नहीं अपितु विदेशों में प्रभु भक्ति का प्रचार-प्रसार कर असंख्य व्यक्तियों को धर्म के मार्ग से जोड़कर उनका कल्याण किया है।
श्रीपीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि आचार्य प्रदीप मणि महाराज अत्यंत उदार,परोपकारी व सेवाभावी हैं। हमें पूर्ण विश्वाश है कि उनके निर्देशन में मणिद्वीप भागवत सेवा आश्रम गौ सेवा, सन्त सेवा, ब्रजवासी सेवा एवं दीन-दुखियों की सेवा के लिए सदैव समर्पित रहेगा।
श्रीमज्जगद्गुरु स्वामी विश्वेशप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि वर्तमान में सनातन धर्म पर हो रहे कुठाराघात से धर्म की रक्षा के लिए ऐसे आश्रमों की स्थापना होना अति आवश्यक है।क्योंकि देश व धर्म की रक्षा के लिए उसकी संस्कृति की रक्षा करना परम् आवश्यक है।तभी धर्म व देश सुरक्षित और ऊर्जा वान बनेगा।
सन्त-विद्वत सम्मेलन में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीअनन्ताचार्य महाराज, महामण्डलेश्वर श्रीदण्डीस्वामी रामदेवानंद सरस्वती महाराज,भागवत भास्कर कृष्ण चंद्र ठाकुरजी महाराज, डॉ. अनिरुद्धाचार्य महाराज, आचार्य/भागवत पीठाधीश्वर मारुति नंदनाचार्य वागीश महाराज, विश्वविख्यात भागवताचार्य डॉ. चतुरनारायण पाराशर, पुराणाचार्य डॉ. मनोज मोहन शास्त्री, धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज, आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, डॉ. अशोक शास्त्री, सन्त श्रीदाम किंकर महाराज, श्रीराम कथा मर्मज्ञ अशोक व्यास महाराज, “यूपी रत्न” की उपाधि से अलंकृत प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, भागवताचार्य विपिन बापू, आचार्य घनश्याम दुबे, डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य युगल किशोर कटारे, रासाचार्य स्वामी राम शरण शर्मा, आचार्य बुद्धिप्रकाश शास्त्री,धर्मवीर शास्त्री, प्रेम शरण शर्मा,आचार्य नरोत्तम शास्त्री, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, प्रोफेसर ऋषीकांत, डॉ. कौशल किशोर,, पंडित श्याम सुंदर ब्रजवासी, सुमंत कृष्ण महाराज, भक्ति मती बीना माताजी (दिल्ली) आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. आचार्य ऋषिकुमार तिवारी ने किया।
मणिद्वीप भागवत सेवा आश्रम के संस्थापक “भागवत भक्त” आचार्य प्रदीप मणि महाराज ने महोत्सव में पधारे समस्त सन्तों विद्वानों का उत्तरीय ओढ़ाकर व ठाकुरजी का चित्रपट, पटुका-प्रसादी-माला आदि भेंट कर स्वागत किया।तत्पश्चात सन्त, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा हुआ।

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Rekha Singh

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