कार्यक्रम

“यूपी रत्न” से अलंकृत हुए प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी

लखनऊ में पूर्व उप-मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह देकर व पगड़ी पहनाकर किया सम्मानित

वृन्दावन।लखनऊ के गोमती नगर स्थित सी.एम.एस. के ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुए ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ इंटलेक्टुअलस (ए.आई.सी.ओ.आई.) के 47वाँ वार्षिक समारोह में नगर के प्रख्यात साहित्यकार, पत्रकार, अध्यात्मविद् व समाजसेवी डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, एडवोकेट को, उनके द्वारा देश व समाज के प्रति की गई अविस्मरणीय सेवाओं के लिए “यूपी रत्न” सम्मान प्रदान किया गया।उन्हें यह सम्मान समारोह के अध्यक्ष नैनीताल हाईकोर्ट की लोक अदालत के न्यायाधीश, उत्तराखंड आर्बीट्रेशन काउंसिल के चेयरमैन जस्टिस राजेश टंडन, मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, प्रयागराज उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस राकेश शर्मा, ए.आई.सी.ओ.आई. के राष्ट्रीय महासचिव व सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश निधि शर्मा एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी व प्रख्यात समाजसेवी देवदत्त शर्मा (रिटायर्ड आई.ए.एस.) व ए.आई.सी.ओ.आई के उपाध्यक्ष डॉ. एस. फारुख आदि ने संयुक्त रूप से प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र आदि भेंट करके व पगड़ी पहनाकर प्रदान किया।
इस अवसर पर “यूपी रत्न” से अलंकृत हुए डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने समारोह के आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रख्यात समाजसेवी व सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. भव्य निधि शर्मा द्वारा संस्थापित ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ इंटलेक्टुअलस (ए.आई.सी.ओ.आई.) पिछले 46वर्षों से समाजसेवा एवं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को “यूपी रत्न” सम्मान प्रदान करके अत्यन्त महत्वपूर्व कार्य कर रही है।इसके लिए संस्था के समस्त पदाधिकारी अत्यन्त प्रशंसा व धन्यवाद के पात्र हैं।
समारोह में लखनऊ विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) मनुका खन्ना, किंग जॉर्ज मेडीकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. अमिता पाण्डेय, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. रेनू सिंह (आई.एफ.एस.) समारोह की संयोजिका श्रीमती अनु श्री, अटल भारतीय हिन्दू फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार द्विवेदी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अशोक दुबे ने किया।

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Rekha Singh

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