नेत्र दान से दृष्टिहीन लोगों को दुनिया देखने का मौका मिलता है : सी.पी. मैसी
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।मथुरा रोड़ स्थित रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम चैरिटेबल हॉस्पिटल में बी.एच.आर.सी. डॉक्टर श्रॉफ आई केयर इंस्टिट्यूट, वृन्दावन के द्वारा 15 दिवसीय 40वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडा आयोजित किया जा रहा है।जो कि 25 अगस्त से प्रारंभ होकर 8 सितंबर 2025 तक चलेगा।
डॉ. श्रॉफः आई केयर, वृन्दावन के प्रसाशनिक अधिकारी सी.पी. मैसी ने कहा कि नेत्र दान से दृष्टिहीन लोगों को दुनिया देखने का मौका मिलता है।इसीलिए नेत्रदान को महादान कहा जाता है।नेत्रदान पखवाड़े का उद्देश्य लोगों को नेत्रदान के महत्व के बारे में शिक्षित करना, मिथको को दूर करना और अन्य बाधाओं को तोड़ना भी है, जो अंगदान के बारे में लोगों के निर्णयों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। नेत्रदान के तथ्य मोतियाबिंद, दूरदृष्टि दोष, ऑपरेशन की गई आँखों या सामान्य बीमारियों से पीडित कोई भी व्यक्ति चाहे उसकी उम्र 2 साल से 80 साल तक हो अथवा उनकी उम्र, लिंग, धर्म रक्त समूह कुछ भी हो अपनी आँखें दान कर सकता है।
उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त कोर्निया को दान किए गए स्वस्थ कोर्निया से अंधेपन का इलाज किया जा सकता है। व्यक्ति की मृत्यु के छह से आठ घंटे के भीतर कोर्निया को हटा दिया जाता है। एक नेत्रदाता की आँखों से दो लोगों को रोशनी दी जा सकती है। हालांकि जागरूकता की कमी सामाजिक या धार्मिक कारणों से नेत्रदान को अभी उचित महत्व नहीं मिल पाया है। हमारी आप सभी लोगों से प्रार्थना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग हमारे बी.एच.आर.सी. डॉक्टर श्रॉफ आई केयर इंस्टिट्यूट, वृन्दावन में शपथ पत्र या संकल्प पत्र भरे। ताकि जरुरतमंद लोगों को दुनिया देखने का मौका मिल सके।इस अवसर पर डॉ. प्रवीण सैन शाही, डॉ. अंकिता, नेत्रदान सलाहकार रोशन सिंह आदि उपस्थित रहे।
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