वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पंचामृत से किया गिरिराज शिला का अभिषेक
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित श्रीजी सदन (फोगला आश्रम) में वृन्दावन रासलीला संस्थान व श्रीभगवान भजनाश्रम के संयुक्त तत्वावधान में श्रावण मास के अवसर पर चल रहे 19 दिवसीय 43वें झूलन महोत्सव के अंतर्गत प्रख्यात रासाचार्य स्वामी डॉ. देवकीनंदन शर्मा के निर्देशन में
गिरिराज पूजा, गोवर्धन लीला व 56 भोग दर्शन का आयोजन अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।
महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, श्रीभगवान भजनाश्रम के अध्यक्ष चांदबिहारी पाटोदिया, पूर्व पालिकाध्यक्ष पण्डित मुकेश गौतम, प्रमुख भाजपा नेता पण्डित योगेश द्विवेदी, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, एवं सैकड़ों भक्तों-श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीगिरिराज शिला का दुग्धाभिषेक कर उनका पूजन-अर्चन किया।
मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में देवराज इंद्र के स्थान पर गिरिराज गोवर्धन की पूजा करवाई थी।श्रीगिरिराज गोवर्धन कलयुग के प्रत्यक्ष देवता हैं,जो साक्षात रूप से ब्रजभूमि में विद्यमान होकर हम सब ब्रजवासियों की रक्षा करते हैं।साथ ही जो भक्त सच्चे मन से गिरिराज गोवर्धन की भक्ति करता है,गिरिराज बाबा उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।
प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं पण्डित योगेश द्विवेदी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गिरिराज गोवर्धन की पूजा करवा कर प्रकृति के महत्व को उजागर किया। प्रकृति के संरक्षण व संवर्द्धन से ही मानव जीवन स्वस्थ्य व समृद्ध हो सकता है।गिरिराज गोवर्धन साक्षात् भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप होते हुए भी प्रकृति को अपनी भुजाओं से संजोए हुए हैं।
इस अवसर पर बिहारीलाल सर्राफ, प्रख्यात भागवताचार्य राधेश्याम शास्त्री, नरदेव चौधरी, भारत भूषण शर्मा, सौरभ शर्मा, भागवताचार्य गोपाल कृष्ण शर्मा, पण्डित श्याम सुंदर गोस्वामी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, राजकुमार पोद्दार आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।रात्रि को संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा (अन्नकूट प्रसादी) का आयोजन भी संपन्न हुआ।
Add Comment