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अपने भक्त का सभी मनोरथ पूर्ण करते हैं हनुमानजी : महंत आचार्य रामदेव चतुर्वेदी

 

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।बांके बिहारी कॉलोनी स्थित ठा. श्रीकौशल किशोर राम मन्दिर में अखिल भारतीय श्रीराम मित्र मंडल के द्वारा चल रही पंच दिवसीय श्रीहनुमान कथा के तीसरे दिन व्यास पीठाधीन ठा. श्रीकौशल किशोर राम मन्दिर के महंत आचार्य रामदेव चतुर्वेदी ने कहा कि बल के अथाह सागर, सुमेरू पर्वत के समान उज्जवल, दानवों का नाश करने वाले, ज्ञानियों में अग्रणी, संपूर्ण गुणों के स्वामी, श्री रघुनाथ जी के प्रिय भक्त श्री हनुमान जी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। उनके गुणों को बखान करते हुए प्रभु श्रीराम जी महर्षि अगस्तय जी से कहते हैं कि हनुमानजी तेज, धैर्य, सामर्थ्य, नीति, पुरुषार्थ, विवेक इत्यादि गुणों के भंडार हैं।
आचार्य रामदेव चतुर्वेदी ने कहा कि यदि सच्चे मन से महाबली पवन पुत्र श्रीहनुमानजी की आराधना की जाए, तो वो अपने भक्त का हर मनोरथ पूर्ण कर देते हैं। श्रीराम भक्त हनुमानजी अपने भक्तों की पीड़ा हरने वाले तथा श्रीरामायण रूपी महामाला के महारत्न के रूप में माने जाते हैं। प्रभु के सेवक होने के साथ-साथ हनुमानजी श्रीराम व माता जानकी के सुत भी कहे गए हैं।
इससे पूर्व श्रीहनुमानजी महाराज की आरती उतारी गई।साथ ही वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य व्यासपीठ का पूजन-अर्चन किया गया।
इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, महोत्सव के संयोजक आचार्य लवदेव चतुर्वेदी,आचार्य कुशदेव चतुर्वेदी, श्रीमती कुंजलता चतुर्वेदी, श्रीमती प्रिया चतुर्वेदी, संगीताचार्य शंभू शरण, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।

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