(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन। वंशीवट क्षेत्र स्थित श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी में श्रीरामानन्दीय वैष्णव सेवा ट्रस्ट के द्वारा चल रहा वैष्णव कुलभूषण साकेतवासी सुदामादास महाराज का 20वां
वार्षिक पुण्यतिथि महोत्सव श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्य अत्यन्त श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। जिसके अंतर्गत श्रीमहंत अमरदास महाराज के द्वारा श्रीमद्भक्तमाल कथा, श्रीमद्भक्तमाल मूलपाठ, संत प्रवचन, रासलीला एवं भजन संध्या आदि के कार्यक्रम भी संपन्न हुए।
इस अवसर पर आयोजित वृहद सन्त-विद्वत सम्मेलन में श्रीमणिराम दास महाराज की छावनी (अयोध्या) से पधारे श्रीमहंत कमल नयन दास महाराज एवं देवरहा बाबा समाधि स्थल आश्रम के अध्यक्ष ब्रह्मर्षि देवदास महाराज बड़े सरकार ने कहा कि संत शिरोमणि सुदामा दास महाराज धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य निधि थे।उन जैसी विभूतियों का अब युग ही समाप्त हो गया है
श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज व श्रीमहंत अमरदास महाराज ने कहा कि संत शिरोमणि सुदामा दास महाराज श्रीमद्भक्तमाल के मूर्तिमान स्वरूप थे।उनका समूचे जीवन गौ-सेवा, संत-सेवा,विप्र-सेवा,निर्धनों व असहायों की सेवा के लिए समर्पित रहा।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व आचार नेत्रपाल शास्त्री ने कहा कि संत प्रवर सुदामा दास महाराज ने जिन सदमूल्यों की स्थापना सुदामा कुटी में की, उनका संरक्षण व संवर्धन आज भी उनके उत्तराधिकारियों द्वारा भलि भांति किया जा रहा है।इसीलिए यह स्थान संत सेवा का पर्याय बनकर समूचे देश में यश व कीर्ति अर्जित कर रहा है।
जानकी भवन आश्रम के अध्यक्ष श्रीमहंत रामदास महाराज व पुराणाचार्य डॉ. मनोज मोहन शास्त्री ने कहा कि सुदामादास महाराज ने श्रीमद्भक्तमाल ग्रंथ को आत्मसात किया हुआ था।इसी के चलते उन्होंने इस ग्रंथ के प्रचार-प्रसार हेतु न केवल सुदामा कुटी में भक्तमाल भवन का निर्माण कराकर उसकी दीवारों पर उसको उल्लेखित किया अपितु अपने आश्रम से इस ग्रंथ को चार भागों में प्रकाशित कराया।
सन्त-विद्वत सम्मेलन में मण्डल आयुक्त (आगरा) शैलेन्द्र सिंह (आईएएस), डी.आई.जी. शैलेश पांडेय, मथुरा के विधायक श्रीकांत शर्मा, विधायक मांट राजेश चौधरी, पूर्व मंत्री श्यामसुन्दर शर्मा, विश्वविख्यात भागवताचार्य मारुति नन्दन वागीश, यदुनंदनाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर कृष्णानंद महाराज, पण्डित योगेश द्विवेदी, आचार्य गोपाल भैया, महंत अवधेश दास महाराज (बयाना),महंत राघव दास महाराज,डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत,मोहन शर्मा, निखिल शास्त्री,भरत शर्मा, नंदकिशोर अग्रवाल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन संत रामसंजीवन दास शास्त्री एवं संजीव शास्त्री ने संयुक्त रूप से किया।
इससे पूर्व महामंडलेश्वरों, श्रीमहंतों, महंतों व विद्वानों आदि का सम्मान किया गया।साथ ही सन्त, ब्रजवासी वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा भी हुआ।जिसमें असंख्य व्यक्तियों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
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