कार्यक्रम

सद्गुरु हमारे जीवन के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर हृदय में ज्ञान का प्रकाश प्रज्ज्वलित करते हैं : गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कृपा धाम में महामंडलेश्वर, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के पावन सानिध्य में द्विदिवसीय व्यास पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा) महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।जिसके अंतर्गत देश-विदेश से आए असंख्य भक्तों-श्रद्धालुओं ने पूज्य सदगुरुदेव भगवान का पूजन-अर्चन किया।साथ ही महाराजश्री से गुरु दीक्षा ग्रहण की।
इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने समस्त शिष्यों को सद्गुरु की महिमा बताते हुए कहा कि सदगुरु का आश्रय लिए बिना प्रभु की भक्ति मिलना संभव नहीं है।जिस प्रकार नदी पार करने के लिए नौका की आवश्यकता होती है,उसी प्रकार भवसागर पार करने के लिए एवं प्रभु भक्ति पाने के लिए हमें सदगुरु की परम् आवश्यकता होती है।इसीलिए हमें अपने जीवन में सदगुरु अवश्य बनाने चाहिए।जिससे कि हमारा कल्याण हो सके।
पूज्य महाराजश्री ने कहा कि कहा मनुष्य को प्रभु की प्राप्ति के लिए सदगुरुदेव भगवान का आश्रय लेना चाहिए।सदगुरुदेव की शरण आए बिन प्रभु की भक्ति और कृपा पाना सहज नहीं है।क्योंकि सदगुरु भगवान ही हमारे जीवन के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर हमारे हृदय में ज्ञान का प्रकाश प्रज्ज्वलित करते हैं।इसीलिए वेद और पुराणों में भी सदगुरु की महिमा का विस्तार से बखान किया गया है।इससे पूर्व गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने अपने सदगुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी गीतानंद महाराज की प्रतिमा का दुग्धाभिषेक कर पूजन-अर्चन किया।साथ ही उनकी आरती की।
महोत्सव में उत्तर प्रदेश शासन के पूर्व गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा (पूर्व आई.ए.एस.), प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, वासुदेव शरण, शक्ति स्वरूप ब्रह्मचारी, गोविन्द ब्रह्मचारी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सरस भजन संध्या का आयोजन हुआ।जिसमें प्रख्यात भजन गायक रतन रसिक

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0119961
This Month : 3591
This Year : 57254

Follow Me